________________ अंतमुहत्तं मोयस्स चोवीसं जाम धाउपत्तगयं। गोमुत्तं जइ केवलमह साइमं रसविवज्जासे // 84 // खाइमि तले विच्चासे ति-चउ-पण जाममुसिणनीरस्स / वासाइसु तम्माणं फासुजलस्सावि एमेव // 85 // उस्सेइमं संसेइम तंदुलनीरं तिलोदगं वा वि। तुस जव आयामं वा सोवीरं सुद्धवियडं च // 86 // अंब कबिट्ठा ऽऽमलगं अवाडग माउलिंग खज्जूरं / दक्खा दाडिम कयरं चिंचा नालियर कोलजलं. // 87 // पुव्वतियं भत्तटे, छटे तिल-तुस-जवोदगं भणियं / आयामं सोवीरं अट्ठमे उसिणनीरं च // 88 // अच्छमसित्थं गलियं तियदंडुक्कलिय-परिमियमले। परकडजईण कप्पइ न कप्पई अण्णमुरुदोसा ... // 89 // उस्सेइम संसेइम तंदुल-तिल-तुस-जवाण नीरं च / आयामं सोवीरं सुद्धं वियडं जलं नवहा .. // 90 // तिहला तमालपत्तं मुत्थय-कुटुं च खयरमाईहिं। फासुकयं खज्जाइहि कारणओ कप्पणिज्जंतु // 91 // जिट्ठतवेऽभत्तढे पडिमुवहाणेसु अभिग्गहा यामे / सड्डाणं चिय कप्पइ उण्हजले अण्णसणे वि तहा // 92 // फलचिंचोदगमिगजाममायामं धण्णनीरमुहुत्ततिगं / उच्छुरसे सोवीरे जामदुगं धोयणंतमुहु // 93 // वण्ण-रस-गंध-पज्जवभेयविमिस्सं खु हवइ फासुजलं / सक्कर-गुड-खंडाइवत्थुविभेएहि परिणमियं / // 94 // गो-एलग-महिसीणं खीरं पण-अड-दसदिणाणुवरि सुद्धं / तिदिणाणुवरि बलद्धी नवप्पसूयाण एमेव / // 95 // 142