________________ अपच तमकायसरूवमणंत छक्कगं अट्ठगं निमित्ताणं / माणुम्माणपमाणं अट्ठारस भक्खभोज्जाइं // 60 // छट्ठाणवुड्डीहाणी अवहरिउं जाइ नेव तीरंति / अंतरदीवा जीवाजीवाणं अप्पबहुयं च // 61 // संखा निस्सेसजुगप्पहाणसूरीण वीरजिणतित्थे / . ओसप्पिणीअन्तिमजिणतित्थअविच्छेयमाणं च . // 62 // देवाणं पवियारो सरूवमट्ठण्ह कण्हराईणं / सज्झायस्स अकरणं नंदीसरदीवठिइभंणणं . // 63 // लद्धीओ तव पायालकलस आहारगस्सरूंवं च। देसा अणायरिया आरिया य सिद्धेगतीसगुणा // 64 // समय समुद्धरियाणं आसत्थ समत्तिमेसि दाराणं / नामुक्कित्तण पुव्वा तव्विसय वियारणा नेया // 65 // तिन्नि नीसीहिय तिन्नि य पयाहिणा तिनि चेव य पणामा। तिविहा पूया य तहा अवत्थतियभावणं चेव . // 66 // तिदिसिनिरिक्खणविरई तिविहं भूमिपमज्जणं चेव / वन्नाइतियं मुद्दातियं च तिविहं च पणिहाणं . // 67 // इय दहतियसंजुत्तं वंदणयं जो जिणाण तिक्कालं। कुणइ नरो उवउत्तो सो पावइ निज्जरं विउलं // 68 // घरजिणहरजिणपूआवावारच्चायओ निसीहितिगं। पुष्फक्खयत्थुईहिं तिविहा पूया मुणेयव्वा // 69 // होइ छउमत्थकेवलीसिद्धत्तेहिं जिणे अवत्थतिगं। वण्णत्थाऽऽलंबणओ वण्णाइतियं वियाणिज्जा जिणमुद्दा जोगमुद्दा मुत्तासुत्ती उ तिन्नि मुद्दाओ। कायमणोवयणनिरोहणं च तिविहं च पणिहाणं // 71 // // 70 //