________________ धवक्खयर-पलासाइ-कंटकरुक्खाण छल्लिया साणा / जं कडुयरसपरिगयं आहारं पि हु अणाहारं // 60 // इच्चाइ जं अणिटुं पंकुवमं तं भवे अणाहारं / जं इच्छाए भुंजइ तं सव्वं हवइ आहारं // 61 // अह एयाणं जं जं कालपमाणं भणामि सव्वेसि / भत्तं सिद्धं वियलं कट्ठदलं हिंगुसहियं जं. // 62 // पुष्फ-फल-पत्तसायं बीयछली विणा य आमफलं / मंडगमपूवाइय-जललप्पसि-वडय-पप्पडया .. // 63 // चउपहरमाणमेसि ओयणमड बारजाम जगराए / तह तक्करबलछुभिए अहियं परिमाणमवि वुत्तं // 64 // दहि-तक्कर-राईणं कंजिय-सागाण सोल जामं च / वासासु पक्ख हेमंतमासुसिणु वीसदिणमाणं // 65 / / पक्कन्नयस्स कालो विण्णेओ कुलिकाए पक्कन्नो। वासासु सगदिणं वा चलियरसं जत्थ जं जाइ // 66 // निव्विगयं पक्कन्नं असणजुयं तस्सिमेवं परिमाणं / उच्छवियारगयाणं चलियरसे तं तहा जाण // 67 // घय-तिल्ल-गुडाईणं वण्ण-रस-गंध-पमुहपज्जासे। कालपरिमाणमुत्तं जाणिज्जा नो तहा पायं // 68 // इत्थ य चलियरसम्मि जीवा बेइंदिया समुच्छन्ति। पुप्फिए एगिदिया वटुंति दुवे वि समगं वा // 69 // अचित्तजले सचित्तीभवणे एगिदिया समुच्छंति / - अण्णरसुज्झियमिलिए पणिंदी समुच्छिमा हुति // 70 // तिल-मुग्ग-मसूर-चवलय-मास-कुलत्थय-कलाय-तुवरीणं / वल्लाण वट्ट-चणयाण पंचग वरिसप्पमाणं च // 71 // 140