________________ // 48 // भटुं धन्नं सव्वं बदाम-अक्खोड-उच्छुगंडुलिया। फल-पक्कन्नं सव्वं बहुविहं खाइमं नेयं / दंतवणं तंबोलं चित्तं तुलसी-कुहेडगाईयं / महु-पिप्पलि-सुंठि-मरीपणगं जाईफलाणं च // 49 // एलादुगं लविंगं अजमोयतियं तियं च अभयाणं / कप्पूर-कविट्ठाइ हिंगुल-चिणयाण अडगं च // 50 // बिडलवण-वडिंग-वत्थुल-कंटकरूक्खाण छल्लिया सव्वा / फोफल-कसेल-पुक्खर-जवासपण कूलगयछल्ली // 51 / / तियडुय सुगंधिधन्नय पत्त-जडी-पप्पडी-वरड्डा य / रसजाइभेसज्जपमुहं साइममणेगविहं // 52 // दुविहारे कप्पिज्जइ पाणं साइममणेगहा सव्वं / तिविहारे पाणं पुण चउहारे किमपि नो कप्पं // 53 // साइमगयाणिमाणि न कप्पए तह पसंगदोसाओ / गुड-लवण-हिंगु-सिंधव-जीराय-धाणा-वरड्डा य // 54 // अजमोअतियकविढं आमलगं तह कपूर कंदा य। अबोलगं च सूया एमाइ असणम्मि ववहारो चउहारे रयणीए कप्पिज्जइ जाणिमाणि वत्थूणि / समभागकया तिहला भूनिंबौ सीरचंदणयं // 56 // गोमुत्तं कडुरोहिणी वग्घी अमया य रोहिणी तुगा। गुग्गुल-वया-कारीरय-लिंब-पंचंगभासगणो // 57 // तह-आसगंधि बंमी-चीड-हलीद्दा य कुंदुरूकूड्डा।। विस नाईय धमासो बोलयबीया अरिहा य मीढल-मजिट्ठ-कंकेल्लि-कुमारि-कंथेर-बेर-कुट्ठा य। कप्पासबीयपत्तय अगुरु-तुरुक्का य तंतुवडा // 59 // // 55 // // 58 // 139