________________ अच्चिं तहऽच्चिमालिं वइरोयण पभंकरे य चंदाभं / सूराभं सुक्काभं सुपइट्टाभं च रिट्ठाभं // 1446 // अट्ठायरट्ठिईया वसंति लोगंतिया सुरा तेसुं। सत्तट्ठभवभवंता गिज्जंति इमेहिं नामेहिं // 1447 // सारस्सय-माइच्चा वण्ही वरुणा य गद्दतोया य। तुसिया अव्वाबाहा अग्गिच्चा चेव द्धिा य . // 1448 // पढमजुयलम्मि सत्त उ सयाणि बीयम्मि चउदस सहस्सा / तइए सत्त सहस्सा नव चेव सयाणि सेसेसु // 1449 // संजमघा उप्पाये सादिव्वे वुग्गहे य सारीरे। महिया सच्चित्तरओ वासम्मि य संजमे तिविहं // 1450 / / महिया उ गब्भभासे सच्चित्तरओ य ईसिआयंबे। वासे तिन्नि पगारा बुब्बुय तव्वज्ज फुसिए य // 1451 // दव्वे तं चिय दव्वं खेत्ते जहियं तु जच्चिरं कालं / ठाणाइभास भावे मोत्तं उस्सासउम्मेसे // 1452 // पंसू य मंसरुहिरे केससिलावुट्ठि तह रयुग्धाए। मंसरुहिरे अहरत्तं अवसेसे जच्चिरं सुत्तं // 1453 // पंसू अच्चित्तरओ रयस्सलाओ दिसा रउग्घाओ। .. तत्थ सवाए निव्वायए य सुत्तं परिहरंति // 1454 // गंधव्वदिसा विज्जुक्क गज्जिए जूव जक्खआलित्ते / एक्केक्कपोरिसिं गज्जियं तु दो पोरिसी हणइ // 1455 // दिसिदाहो छिन्नमूलो उक्क सरेहा पगाससंजुत्ता / - संझाछेयावरणो उ जूवओ सुक्कि दिण तिन्नि // 1456 // चंदिमसूरुवरागे निग्घाए गुंजिए अहोरत्तं / / संझाचउ पडिवए जं जहि सुगिम्हए नियमा - // 1457 // 122