________________ पुढवाइ दस अपज्जा पज्जत्ता हुंति वीस संखाए। असरीरजुएहि तेहिं वीसई होइ एगहिया . // 1242 // सुहुमियरभूजलानलवाउवणाणंत दस सपत्तेआ। बिति-चउ-असन्नि-सन्नी अपज्ज-पज्जत्त बत्तीसं // 1243 // तह नरयभवणवणजोइकप्पगेवेज्जऽणुत्तरुप्पन्ना / सत्तदसऽडपणबारस नवपणछप्पन्नवेउव्वा // 1244 // हुति अडवनसंखा ते नरतेरिच्छसंगया सव्वे / अपजत्तपजत्तेहिं सोलसुत्तरसयं तेहिं // 1245 // सन्निदुगहीण बत्तीससंगयं तं सयं छयत्तालं। तं भव्वाभव्वदूरभव्वा आसन्नभव्वं च // 1246 // संसारनिवासीणं जीवाण सय इमं छयत्तालं। अप्पं व पालियव्वं सिवसुहकंखीहिं जीवेहिं // 1247 // सिरिअम्मएवमुणिवइ विणेयसिरिनेमिचंदसूरीहिं। सपरहियत्थं रइयं कुलयमिणं जीवसंखाए // 1248 // पढमं नाणावरणं बीयं पुण दंसणस्स आवरणं। तइयं च वेयणीयं तहा चउत्थं च मोहणीयं // 1249 // पंचममाउं गोयं छटुं सत्तमगमंतरायमिह / बहुतमपयडित्तेणं भणामि अट्ठमपए नामं // 1250 // पंचविहनाणवरणं नव भेया दंसणस्स दो वेए। . अट्ठावीसं मोहे चत्तारि य आउए हुंति . . // 1251 // गीयम्मि दोन्नि पंचंतराइए तिगहियं सयं नामे। उत्तरपयडीणेवं अट्ठावन्नं सयं होइ // 1252 // मइ सुय ओही मण केवलाणि जीवस्स आवरिजंति / जस्सप्पभावओ तं नाणावरणं भवे कम्म // 1253 // 105