________________ तम्हा धम्मो दुविहो अगारधम्मोऽणगारधम्मो य / आरंभकलुस पढमो बीओ आरंभरहिओ य . . // 912 // एवं धम्मे दुविहे जिणआणा अण्णहा न धम्मो वि। आणारहिओ धम्मो धम्मो जइ केरिसोऽहम्मो // 913 // धम्मो खलु मोक्खपहो सो तिविहो नाणदंसणचरित्तो / अहवा तिविहो साहू सड्डो संविग्गपक्खपहो // 914 // तेसि सव्वेसि चिय आराहणमिह जिणिंदआणाए / आणा पुण उस्सग्गोवायपएहि विणा न हवे. // 915 // णाणस्स वि आराहणमुवगरणायारपालणेहिं भवे / एवं दंसणचरिआणमण्णह विराहणा भणिआ // 916 // पोत्थाई उवगरणं णाणस्स तहा जिणिंदभवणाई। दंसणउवगरणं खलु पुत्तिप्पमुहा य चरणस्स // 917 // उस्सग्गो मुणिधम्मे अववायपयम्मि इअरमग्गो य। इक्किक्को वि अ दुविहो एवं सिद्धंतसुपसिद्धो // 918 // कारणिओ अववाओ उस्सग्गाओ वि होइ बलवंतो। उस्सग्गपालणट्ठा निवइव्व जिणेहिं सो भणिओ // 919 // उस्सग्गो खलु पगई अववाओ पुह (भू) वइ त्ति सट्ठाणे। परठाणे असमत्था दो वि अ ते गरहणिज्जा वि // 920 // पगई सहावसिद्धा कारणिओ होइ भूवई निअमा। पगईधणउवजीवो णाएणं तीइ रक्खट्ठा // 921 // एवं खलु अववाओ उस्सग्गुवजीवओ वि णाएणं / उस्सग्गं पालिज्जा तेणं जहसंभवागारा // 922 // जह पहिओ वच्चंतो खिन्नो खण वीसमित्तु वच्चिज्जा / एवमववायसेवी खणेणमुस्सग्गमग्गरओ // 923 // 439