________________ एवं दिटुंतेणं साहुउवासगपहाओ पन्भट्ठो। उस्सुत्तो जिणआणाविराहगो सव्वहा चेव // 798 // एवं सव्वेपाणापमुहालावगुवएसवयणेहिं / मूढाणमंधकूवो लुंपागो दंसिओ णेओ . // 799 // अह लुंपगसिद्धंतो केवलसुत्तं व एगदेसेण। .. सुगपाढुव्व असुद्धो विवरीअत्थो अनिअमइए // 800 // सो अ अदत्तो पुत्था लद्धौ मुद्धाण नामसिद्धंतो। तेणं तित्थुद्धारो धिद्धी अण्णाणविण्णाणं / / / 801 // संपइ परंपरागमनामेणं तित्थनाहसिद्धंतो। न वि पुत्थयसिद्धंतो कत्थ वि सुणिओ वि केणावि // 802 // जइ पुत्थयाउ तित्थं पवट्टए किं न कुसुममिव रूक्खा। दो वि समा सीसाणं दिक्खावायणपरिक्खासु // 803 // . जइ तित्थयरा अण्णो गणहरपयठावगो वि तिपईए। ता पुत्थेणं तित्थं ठाविज्जा साहुपमुहं पि तेणं जं जहकारणमणाइसिद्धं तहेव तं णेअं। . अन्नह इत्थीवेसो पुरिसो वि धरिज्ज थीगब्भं // 805 // तित्थं खलु तित्थयरा अच्छिनं जाव तस्स तित्थठिई। उच्छिनम्मि समत्थो नन्नो संधेउ सव्वण्णू // 806 // तित्थं चाउव्वण्णो संघो तत्थेव आइमो समणो। न विणा तित्थं निग्गंथेहिति पवयणवयणाओ // 807 // तत्थ वि राया सूरी सो सूरीपरंपराइ अहिसित्तो / सोहम्माओ जंबू जंबूओ पभव इच्चाइ इच्चाइ पुव्वभणिअं इहं पि सव्वं पि होइ भणिअव्वं / तेणं तयंतमेअं जयधम्मो केरिसो धम्मो? // 809 // // 804 // ||808 // 46