________________ // 615 // एवं कुवक्खकोसिअ सहस्स किरणम्मि उदयमावण्णे / चक्खुप्पहावरहिओ कहिओ इह पंचमो थणिओ. नवहत्थकायरायकिअसममहिमम्मि चित्तसिअपक्खे / गुरुदेवयपुण्णुदए सिरिहीरविजयसुगुरुवारे इअ सासणउदयगिरि जिणभासिअधम्मसायराणुगयं / पाविअ पभासयंतो सहस्सकिरणो जयउ एसो // 616 // // 617 // विश्राम -6. अह सड्डपुण्णिमीओ पुण्णिमपक्खाउ सुमतिसिंहाओ। .. छत्तीसुत्तरबारससएहि जाओ अ विक्कमओ // 618 // सिरिहेमचंदसूरी दूसमसमयम्मि केवली वुत्तो / परसमयम्मि पसिद्धो सिद्धो सद्दाइसत्थेसु // 619 // तस्सुवएसा जीवाजीवाइविसारओ दयापवरो। राया कुमारवालो जाओ परमारिहयरेहा // 620 // अह अण्णया कयाई कुमरनरिंदेण पुच्छिओ सूरी। ' पुण्णिमपक्खसरूवं परूविअं तेण तस्स पुरो // 621 // तत्तो रण्णा भणिअं सिद्धतासायगो महापावो। मा चिट्ठउ मे रज्जे इअ चिंतिअ सूरि विण्णत्तो // 622 // सूरिभणिएण विहिणा निज्जुहिओ पुण्णिमो अनिअरज्जा। एवं दिवं गयम्मि अ सूरिम्मि दिवं गओ राया // 623 / / रहचरिआए एगो समागओ सुमतिसिंहनामेणं / / . पत्तणनयरे दिवो पुट्ठो लोएण कोऽसि तुमं? . // 624 / / 410