________________ कालगवयो पमाणं सयवइकारंचलेणमवि भणिअं। . एवं पि अ जइ पंचमी माया मे वंझनाएणं // 104 // तम्हा थणियस्स वि कालगज्जवयणं पमाणमिइ णच्चा। सोहम्म व्व तदुत्तं इह धम्मीणं पमाणं तु // 105 // सो आगमववहारी पुराणगंथाणुसारओ तित्थे / इअरो पुण नवपगरणभणिओ वि दुहा वि जुगपवरो : // 106 // एवं चाउद्दसिअंतित्थं तित्थप्पवट्टणा णेअं। थीजणपूआसावयसाहुवहाणाइमहमहिअं . // 10 // गुरुसीसाइपरंपरअच्छिनं तेण सोहमावच्चा। अज्जत्ताए समणा विहरंता पुण्णपच्चक्खा // 108 // तेसिं आणा तित्थस्साणा सा चेव तित्थगरआणा / . जीवो धम्मे संघे तस्स ठिई भविअपासाए // 109 // एवं जे कमरहिआ महिआ मोहेणऽणंतदुक्खेहि / इअ परमत्थविऊणं तित्थच्छाया वि करलच्छी // 110 // एवं पज्जोसवणा संपइ जुत्ता चउत्थि तज्जुत्ती / सिद्धंतधम्मसायरलिहिआ दसगाहसयगेण // 111 // 342