________________ // 8 // दर्शनस्मरणसम्भवं तदेवेदं तत्सदृशं तद्विलक्षणं / तत्प्रतियोगीत्यादिसङ्कलनं प्रत्यभिज्ञानम् // 4 // उपलम्भानुपलम्भनिमित्तं व्याप्तिज्ञानम् ऊहः // 5 // व्याप्तिापकस्य व्याप्ये सति भाव एव व्याप्यस्य वा तनैव भावः६ // साधनात्साध्यविज्ञानम् अनुमानम् . तत् द्विधा स्वार्थं परार्थं न स्वार्थं स्वनिश्चितसाध्यांविनाभावैकलक्षणात् साधनात् साध्यज्ञानम्९ / / सहक्रमभाविनोः सहक्रमभावनियमोऽविनाभावः // 10 // ऊहात् तनिश्चयः // 11 // स्वभाव: कारणं कार्यमेकार्थसमवायि विरोधि चेति पञ्चधा साधनम् // 12 // सिषाधयिषितमसिद्धमबाध्यं साध्यं पक्षः // 13 // प्रत्यक्षानुमानागमलोकस्ववचनप्रतीतयो बाधाः साध्यं साध्यधर्मविशिष्टो धर्मी, क्वचित्तु धर्मः // 15 // धर्मी प्रमाणसिद्धः // 16 // बुद्धिसिद्धोऽपि // 17 // न दृष्टान्तोऽनुमानाङ्गम् // 18 // साधनमात्रात् तत्सिद्धेः // 19 // स व्याप्तिदर्शनभूमिः // 20 // स साधर्म्यवैधाभ्यां द्वेधा // 21 // साधनधर्मप्रयुक्तसाध्यधर्मयोगी साधर्म्यदृष्टान्तः // 22 // साध्यधर्मनिवृत्तिप्रयुक्तसाधनधर्मनिवृत्तियोगी वैधय॑दृष्टान्तः॥ 23 // द्वितिय स्वाध्यायस्य प्रथममाह्निकम् यथोक्तसाधनाभिधानजः परार्थम् // 1 // वचनमुपचारात् // 2 // तद् द्वेधा // 3 // तथोपपत्त्यन्यथानुपपत्तिभेदात् // 4 // नानयोस्तात्पर्ये भेदः // 5 // अत एव नोभयोः प्रयोगः // 6 // 126