________________ तिने लान पण्णता // 20 // आसा हत्थी गावो गहियाइं रज्जसंगहनिमित्तं / घेत्तूण एवमादी चउव्विहं संगहं कुणइ // 288 // उग्गा भोगा राइन्न खत्तिया संगहो भवे चउहा। आरक्ख-गुरु -वयंसा सेसा जे खत्तिया ते उ // 289 // पंचेव य सिप्पाइं घड 1 लोहे 2 चित्त 3 णंत 4 कासवए 5 / एकेकस्स य एत्तो वीसं वीसं भवे भेया // 290 // पुत्तसयस्स पुरसयं निवेसियं तेण जणवयसयं च / इह भारहम्मि वासे सो पढमपती वसुमईए // 291 // दस वि जिणिंदा समयं दाणं दाऊण वच्छरं एगं / चेत्तबहुलऽट्ठमीए निक्खंता ते उ छटेणं // 292 // फग्गुणबहुलस्सेक्कारसीय अह अट्ठमण भत्तेण / उप्पण्णम्मि अणंते महव्वया पंच पण्णवए . // 293 // तस्सासि पढमतणओ चोद्दसरयणाहिवो मणुस्सिंदो। भरहो नाम महप्पा अमरनरिंदोवमसिरीओ // 294 // उप्पण्णचक्करयणं भरहं वन्नेमि रयणविभवेणं। .. सुरवइविमाणविभवं बत्तीससहस्सनिवनाहं // 295 // छक्खंडभरहसार्मि नवनिहिनाहं महायसं चक्किं / हय-गय-रहाण लक्खा चउरासीति तु गुणपन्ना . // 296 // चउसद्विसहस्सवरंगणाण मुहपउमछप्पयं पयडं। . छाउई कोडीओ पाइक्काणं पयंडाणं . // 297 // तरुणरविमंडलनिभं चक्कं 1 छत्तं च सव्वरोगहरं 2 / / रिउदप्पहरं खग्गं 3 डंडं विसमे समीकरणं 4 // 298 // चम्मरयणं अभेज्जं 5 मणिरयणं चेव सीसरोगहरं 6 / / रवि-ससिकिरणपरद्धं कागिणिरयणं च तं पवरं 7 // 299 //