________________ // 24 // // 25 // / / 26 // // 27 // // 28 // // 29 // तुरियं वच्चइ बलिओ, मज्झगई वच्चई य लेसाए / वीसमिऊणं वच्चइ जेण न मुक्को हवइ पंथो सुयनाणीहिं भणिओ संपुष्णो पुंडरीयअणगारो / ताहे गुरूहि भणिओ गच्छं घित्तूण विहराहि गुरुणाऽऽइटुं एयं सुटुदेसम्मि पव्वओ तुंगो / तम्मि नगे चडियाणं होही नाणोदओ तुज्झ गुरुवयणं घित्तूणं आढत्तो विहरिऊण भरहद्धे / संपत्तो सोटुं अहियं सुयनाणचारित्ती विहरंता य सुटुं पासंति नगं तरूहि संछन्नं / गुरुवयणं संभरियं एस गिरी अज्ज सो दिट्ठो गुरुणाऽऽइट्ठो एसो सुटुदेसंम्मि पव्वओ तुंगो / केवलनाणुप्पत्ती सुहेण सिद्धिं च लब्भामो. नवबंभचेरगुत्ता दसविहधम्मम्मि सुट्ठ आउत्ता / सत्तरससंजमजुया दुछक्कतवसोसियसरीरा अट्ठारस उ सहस्सा सीलंगाणं जिणेहिं पन्नत्ता / ते धारंति सुविहिया नाण-चरण-दसणविसुद्धा सामाइयमाईयं अंगसुयं चउदसावि पुव्वाइं / एयाइ गुणेमाणा अच्छंति गिरि पलोएंता कत्थय रुप्पसिलायल कत्थय तवणिज्जजसंकासों / कत्थय रयणुब्भासो कत्थय दिज्जंतदिट्ठिसुहो। गोसीस-मलयचंदण-कप्पूरा-ऽगरु -तुरुक्क-मणितेओ / एएहिं गिरी रम्मो कंकेल्लय-केलिमाईहिं पुन्नाग-नागचंपय-केसर-कणियार-पाडलदुमेहिं / जूहेहिं पारिजायय-केसुय-जासुयणसंकिण्णो // 30 // // 31 // // 32 // // 33 // // 34 // // 35 // 44.