________________ जा मे वयरपरंपर कसायकलुसेण असुहलेसेणं / जीवाणं कहवि कया सा वि य मे सव्वहा चत्ता // 10 // जं पि सरीरं इटुं कुडुंब उवगरण रूव विनाणं / जीवोवघायजणयं संजायं तं पि निंदामि // 11 // गहिऊण य मुक्काई जम्मण-मरणेहिं जाई देहाई / पावेसु पसत्ताई तिविहेणं ताई चत्ताई // 12 // आवज्जिऊण धरिओ अत्थो जो लोह-मोहमूढेणं / असुहट्ठाणपउत्तो मण-वय-काएहिं सो चत्तो // 13 // जाई चिय गेह-कुडुंबयाई हिययस्स अइवइट्ठाई / जम्मे जम्मे चत्ताई वोसिरियाई मए ताई // 14 // अहिगरणाई जाइं हल-उक्खल-सत्थ-जंतमाईणि / करणाईहिं कयाइं परिहरियाई मए ताइं . मिच्छत्तभावगाइं जाई कुसत्थाई पावजणगाई। . कुग्गहकराई लोए निंदामि य ताई सव्वाइं . // 16 // अन्नं पि य जं किंचि वि अन्नाण-पमाय-दोसमूढेणं / पावं पावेण कयं तं पि हु तिविहेण पडिकंतं // 17 // जं पुण देहं सयणं वावारं दविण नाण कोसल्लं / वट्टइ सुहम्मि ठाणे, तं सव्वं अणुमयं मज्झ // 18 // जं चिय कयं सुतित्थं, संत (? ता)ईदेसणा सुहं किच्चं / जीवाणं सुहजणयं, तिविहेणं बहुमयं तं पि // 19 // गुणपगरिसं जिणाणं, परोवयारं च धम्मकहणेणं / मोहजएणं नाणं, अणुमोएमो य तिविहेणं // 20 // सिद्धाण सिद्धभावं, असेसकम्मक्खएण सुहभावं / दंसण-नाणसहावं, अणुमोएमो य तिविहेणं // 21 // 45 .