________________ // 6 // // 7 // . // 8 // // 10 // // 11 // घोरुवसग्ग-परीसह-कसाय-करणाणि पाणिणं अरिणो / सयलाण-नाह ! ते हणसि जेण, तेणाऽरिहंतो सि वंदण-थुणण-नमंसण-पूयण-सक्करण-सिद्धिगमणम्मि / अरहो सि जेण वरपहु ! तेण तुमं होसि अरिहंतो अमर-नर-असुरवरपहुगणाण पूयाए जेण अरिहो सि। धीर (त) मणुम्मुक्को, तेण तुमं देव ! अरिहंतो रहु-गड्डि, सेससंगहनिदरिसणमंतो-गिरिगुहमणाणं / तं ते नत्थि दुयं पि हु जिणिंद ! तेणारहंतो सि रहमग्गंतो, अतं पि-मरणमवणीय जेण वरनाणा / ... संपत्तनियसरूवो जेण, तुमं तेण अरहंतो / न रहसि सद्दाइ मणोहरेसु अमणोहरेसु, तं जेण / समयारंजियमण-करण-जोग ! तेणारहंतो सि ... अरिहा-जोग्गा पूयाइयाण देविंद-ऽणुत्तरसुराई / ताण वि अंतो-सीमांकोडी, तं तेण अरहंतो सिद्धिवहुसंगकीलापरो सि, विजई सि मोहरिउवग्गे / णंतसुहपुनपरिणइपरिगय ! तं तेण देवो त्ति रागाइवेरिनिकितणेण, दुहओ वि वयसमाहाणा / जयसत्तुक्करिसगुणाइएहिं, तेणं, जिणो देव दुट्ठट्टकम्मगंठिप्पवियारणलद्धलट्ठसंसद्द ! / तवसिरिवरंगणाकलियसोह, तं तेण वीरो सि पढमवयगहणदिवसे संकंदणविणयकरणगयतण्हो / जाओ सि जेण वरमुणि !, अह तेण तुमं महावीरो सचराचरजंतुदुहत्तभत्तथुयसत्त ! सत्तु-मित्तेसु / करुणरसरंजियमणो, तेण तुमं परमकारुणिओ // 12 // // 13 // // 14 // // 15 // // 16 // // 17 //