________________ // 296 // यण। // 297 // // 298 // // 299 // // 30 // // 301 // हरियंददेवकुरुमई कुरुचंदामच्चदेवसंबोहो। नंदण अमिअजसामिअतेयकहणमाससेसाऊ संवरण मरण देवो इहंति नंदसरागमो चयणं / देवस्सइ तुह मज्झ वि जंबुद्दीवे विदेहम्मि विजयम्मि पुक्खलावई नामे णयरीइ पुंडरगिणीए। णिववइरसेण गुणवइ धूयाऽहं सिरिमई जाया जइकेवलदेवालोय जाइसंभरणमाणेव इच्छा / धाई पुच्छणकहणं धायइसंडम्मि पुव्वद्धे णंदिअगामें णिण्णामियत्तहं मंगलावईविजए / अंबरतिलग युगंधर संवरण सुरवरागमणं सणिआण मरण देवी सविमाण जुगंधराहिगमणं च / चयणमिहं चित्तपडो धाईणयणं णिअत्ता य निवसमुदय णयणागम कहणं ध वयरजंघसंभरणं / णिवकहण जंबुदीवे सलिलावइवीयसोगाए जियसत्तुमणोहरिकेकईण अयलो बिभीसणो वि सुया / णिवमरणदेविदिक्खा संगारा लंतगसुरोऽहं निग्गमणभीसण मरणमयल संबोहणं व दिक्खा य। मरणसिरिप्पहललिअंगयत्तणं लंतगाणयणं सत्तरसण्हयमयणं अट्ठारसमो विणीयपुव्वो त्ति / दाणं पाणिग्गहणं पूइअलोहग्गले णयणं णिवलोगंतिअबोहणपुक्खलसालाभिसेअसुयजम्मं / णरवइविरोह पेसण सरवण परिहरण णिव पडणं सक्कार गमण सरवण सागरसेणमुणिसणदाणं च / वेरग्गपुत्त वासघरजोग मरणं इहं जम्म // 302 // // 303 // // 304 // // 305 // // 306 // // 307 // 316