________________ मेरुस्स मज्झकारे जाव य लवणस्स रुंदछब्भागो / तावायामो एसो सगडुद्धीसंठितो णियमा // 315 // छत्तीसे भागसते सटे कातूण जंबूदीवस्स / तत्तो दो दो भागे परिवड्डति हायते वा वि // 316 // मंदरपरिरयरासीतिगुणे दसभाजितम्मि जं लद्धं / तं हवति तावखेत्तं अब्भंतरमंडलगतस्स मंदरपरिरयरासीबिगुणे दसभाजितम्मि जं लद्धं / तं हवति तावखेत्तं बाहिरए मंडले रविणो // 318 // आदिममंडलपरिधीतिगुणे दसभाजितम्मि जं लद्धं / तं होति तावखेत्तं अब्भंतरमंडले रविणो // 319 // जंबुद्दीवपरिरये तिगुणे दसभाजितम्मि जं लद्धं / तं होति तावखेत्तं अब्भंतरमंडलगतस्स // 320 // बाहिरपरिरयरासीतिगुणे दसभाजितम्मि जं लद्धं / तं होति तावखेत्तं अब्भंतरमंडलगतस्सं // 321 // बाहिरपरिरयरासीबिगुणे दसभातियम्मि जं लद्धं / तं होइ तावखेतं बाहिरए मंडले रविणो // 322 // सूरस्स मुहत्तगती दिवसस्सऽद्धेण होति अब्भत्था / तत्तियमेत्ते दीसति तहिं तहिं मंडले सूरो // 323 // सा चेव मुहुत्तगती गुणिता दिवसेण होति पुण्णेणं.। सो आतवविक्खंभो तहिं तर्हि मंडले रविणो // 324 // बारस धुवा मुहुत्ता दिवसो, रत्ती वि होति बारसिगा / छ च्च चरा तु मुटुत्ता अतिति रत्तिं च दिवसं च // 325 // रति अतिति अयणम्मि दक्खिणे, उत्तरे दिणमतिति / एसो उ अहोरत्तो तीसमुहुत्तो हवति सव्वो // 326 // 283