________________ कप्पसमत्तिए तयं, जिणकप्पं वा उविति गच्छं वा। पडिवज्जमाणगा पुण, जिणस्सगासे पवज्जति // 24 // तित्थयरसमीवासेवगस्स पासे व नेव अण्णस्स। एएसिं जं चरणं, परिहारविसुद्धियं तं तु . // 25 // सो परिहारो दुविहो, निव्विसमाणो निविट्टकाओ य। पढमो तवचरणजुओ, बीओं परिहारनिक्खंतो . // 26 // लोभाणुं वेदंतो, जो खलु उवसामओ व खवओ वा। सो सुहुमसंपराओ, अहक्खाया ऊणओ किंचि // 27 // सो पुण दुविहो वुत्तो, किलिस्समाणो विसुज्झमाणो य / उवसमसेढिचुओ जो, किलिस्समाणो उ सो सुहुमो // 28 // उवसमगखवगसेटिं, आरूहमाणो विसुद्धपरिणामो। सो सुहुमसंपराओ, विसुज्झमाणों मुणेयव्वो गो विमज्यमाणों मणेयवो ... // 29 // उवसंते खीणम्मि व, जो खलु कम्मम्मि मोहणिज्जम्मि। छउमत्थो व जिणो वा, अहक्खाओ संजओ स खलु // 30 // छउमत्थो वि य दुविहो, उवसंतो खीणमोहओ वा वि। केवलि जिणो वि दुविहो, हवइ सयोगी अयोगी य // 31 // छट्ठाइचउगुणेसुं, समइय छेया य दोसु परिहारो। सुहुमे सुहुमो उवसंताइसु चउसु य अहक्खाओ // 32 // सामाइओ तिवेओ, उवसंतो खीणवेयओ वा वि / एवं छेओवट्ठा-वणिओ थीवज्जपरिहारो // 33 // उवसंतखीणवेओ, सुहुमो अहखायसंजओ चेव। . पढम चउरो सरागी, अहखाय उवसंतखीणो वा // 34 // ठियकप्पे चेव भवे, छेओवट्ठावणा य परिहारा। सेसा तिनि वि मुणिणो, ठियकप्पा अठियकप्पा य // 35 // 2