________________ // 31 // / / 32 // // 33 // तस्सेव देसबंधा असंखगुणिआ हवंति पुव्वुत्ता / तेअगकम्माऽबंधा अणंतगुणिआ य ते सिद्धा तत्तो उ अणंतगुणा ओरालिअसव्वबंधगा हुति / तस्सेव तओऽबंधा य देसबंधा य पुव्वुत्ता तत्तो तेअगकम्माण देसबंधा भवे विसेसहिआ / ते चेवोरालिअदेसबंधगा हुंति मेवऽण्णे जे तस्स सव्वबंधा अबंधगा जे अ नेरइअदेवा / एएहिं सहिआ ते पुणाइ के ? सव्वसंसारी वेउव्वियस्स तत्तो अबंधगा साहिआ विसेसेणं / ते चेव य नेरइयाइविरहिया सिद्धसंजुत्ता आहारगस्स तत्तो अबंधगा साहिया विसेसेणं / ते पुण के ? सव्वजिया, आहारगलद्धिए मुत्तुं // 34 // // 35 // // 36 // ... श्री पूर्वाचार्यकृता ॥परमाणुखण्डषट्त्रिंशिका // खित्तोगाहणदव्वे, भावट्ठाणाउ अप्पबहुअत्ते / थोवा असंखगुणिया, तिन्नि अ सेसा कहं नेया ? . // 1 // खित्तामुत्तत्ताओ, तेण समं बंधपच्चयाभावा। . . तो पोग्गलाण थोवो खित्तावट्ठाणकालो उ // 2 // अन्नखित्तगयस्स वि, तं चिअ माणं चिरं पि संचरइ / ओगाहणनासे पुण, खित्तन्नत्तं फुडं होइ // 3 // ओगाहणावबद्धा, खित्तद्धा अक्किआवबद्धा य / न उ ओगाहणकालो, खित्तद्धामित्तसंबद्धो // 4 // - .. . 201