________________ // 33 // // 34 // जीवसयस्स जहण्णे, पयम्मि कोडीजियप्पएसाणं / ओगाढा उक्कोसे, पयम्मि वुच्छं पएसग्गं . कोडिसहस्स जियाणं, कोडाकोंडीदसप्पएसाणं / ... उक्कोसे ओगाढा, सव्वजिया वि तत्तिया चेव .. कोडी उक्कोसपयम्मि, बायरजियप्पएसपक्खेवो। सोहणयमित्तियं चिय, काथव्वं खंडगोलाणं / एएसि जहासंभव - मत्थोवणयं करिज्ज रासीणं / सब्भावओ अ जाणिज्ज ते अणंता असंखा वा // 35 // // 36 // श्रीमद्वानर्षिगणिकृता ॥बन्धषट्त्रिंशिका // ओरालसव्वबंधा थोवा अब्बंधगा विसेसहिया। तत्तो अ देसबंधा असंखगुणिआ कहं नेया ? // 1 // पढमम्मि सव्वबंधो समए सेसेसु देसबंधो उ। सिद्धाईण अबंधो विग्गहगइआण य जियाणं इह पुण विग्गहिए च्चिअ पडुच्च भणिआ अंबंधगा अहिआ। सिद्धा अणंतभागम्मि सव्वबंधाण वि भवंति . // 3 // उजुआय एगवंका दुहओवंका गई भवे तिविहा। पढमाइ सव्वबंधा सव्वे बीआइ अद्धं तु तइआइ तइअभागो लब्भइ जीवाण सव्वबंधाणं / . इति तिण्णि सव्वबंधा, रासी तिण्णेव य अबंधा रासिप्पमाणओ ते तुल्लाऽबंधा य सव्वबंधा य / संखापमाणओ पुण अबंधगा सुण जहाब्भहिआ // 6 // 198 // 4 //