________________ // 3 // // 6 // // 7 // ... // 8 // रुयगा पच्छिमपुव्वा दाहिणओ उत्तरेण.जहसंखं / थोवा बहुआ बहुतर बहुतमगा हुंति जीवाओ जत्थ वणं तत्थ जिया बहुया तं पुण जलस्स निस्साए। ता जत्थ जलं थोवं तत्थ उ जीवा उ थोवयरा ... // 4 // पुव्वावरासु चंदिमरविदीवा अत्थि तेण जलमप्पं / गोयमदीवो अवराइ अत्थि तं तेण अप्पयरं : // 5 // चंदाइदीवविरहा उ दाहिणे होइ बहुतरं तोयं / तत्तो य उत्तरेणं माणससरसंभवा बहुयं बारस य सहस्साई वित्थरओ जोयणाण लवणजले। अत्थि हु गोयमदीवो उच्चो छावत्तरसहस्सं जोयणकोडी उण संखया उ विक्खंभदीहरत्तेहिं / माणससरस्थि दीवम्मि बाहिरे उत्तराइ तहा एवं जलवणविगला तेरिच्छिपणिदिया य बोधव्वा / सव्वेसिमेसिमेवं पभूयउप्पायसंभवओ। जम्माइ पुढवि थोवा विसेसहिया उ होइ उत्तरओ। तत्तो वि हु पुव्वेणं तत्तो वि य होइ पच्छिमओ // 10 // सुसिरे थोवा पुढवी घणम्मि बहुग त्ति तेण दाहिणओ। भवणाणं बहुयत्ता उत्तरओ भवणथोवत्ता . // 11 // चंदाइदीवभावा पुव्वाए पच्छिमे वि तब्भावा / गोयमदीवो य तहा पुढवि जहुत्ता भवे एवं // 12 // तेऊ 1 मणुया 2 सिद्धा 3 उत्तर 1 जम्मासु 2 हुंति थोव त्ति / पुव्वाए संखगुणा अवरेणं पुण विसेसहिया // 13 // पायारंभा मणुया ते पुण थोवा दिसादुगे हुति। / भरहाइसु खित्तस्सप्पभावओ ते उ ता थोवं . // 14 // 184 // 9 //