________________ इय सिद्धाणं सोक्खं अणोवमं, नत्थि तस्स ओवम्म / किंचिविसेसेणेत्तो सारिक्खमिणं सुणह वोच्छं // 1251 // जह सव्वकामगुणितं पुरिसो भोत्तूण भोयणं कोई। तण्हा-छुहाविमुक्को अच्छेज्ज जहा अमयतित्तो // 1252 / / इय निच्चकालतित्ता अतुलं नेव्वाणमुवगता सिद्धा। सासयमव्वाबाहं चिटुंति सुही सुहं पत्ता // 1253 // तत्थ वि य ते अभे(वे)दा अवेयणा निम्ममा निसंगा य। संजोगविप्पमुक्का अपएसा निच्च एगसंठाणा // 1254 // नित्थिण्णसव्वदुक्खा जाइ-जरा-मरणबंधणविमुक्का / अव्वाबाहं सोक्खं अणुहोंती सासयं सिद्धा // 1255 // एसा य पयसहस्सेण वण्णिंया समणगंधहत्थीणं। .. पुढेण उ रायगिहे तित्थोगाली उ वीरेणं // 1256 // सोउं तित्थोगालिं जिणवरवसहस्स वद्धमाणस्स / पणमह सुगइगताणं सिद्धाणं निद्रुितऽट्ठाणं // 1257 // भदं सव्वजगुज्जोयगस्स भदं जिणस्स वीरस्स। भदं सुरासुरनमंसितस्स भदं धुयरयस्स // 1258 // गुणभवणगहण ! सुतरयणभरित ! दंसणविसुद्धरच्छागा!। संघनगर ! भदं ते अक्खंडचरित्तपागारा ! // 1259 // जं उद्रुितं सुयाओ अहव मतीए य थोवदोसेण / तं च विरुद्धं नाउं सोहेयव्वं सुयहरेहि // 1260 // तेत्तीसं गाहाओ दोन्नि सता ऊ सहस्समेगं च। तित्थोगालीए संखा एसा भणिया उ अंकेणं ___ // 1261 // 162