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________________ उस्सप्पिणीइमीसे दूसमसुसमा उ वण्णिया एसा। अरगो य गतो तइओ चउत्थमरगं तु वोच्छामि // 1155 / / पलितोवमलेहद्धं परमाउं होइ तेंसि मणुयाणं। .. उक्कोस चउत्थीए पवड्ढमाणा उ रुक्खादी ... // 1156 // जह जह वड्डइ कालो तह तह वटुंति कप्परुंक्खा वि। एकं गाउगमुच्चा नर-नारी रूवसंपण्णा // 1157 // मूल-फल-कंद-निम्मलनाणाविहइट्ठगंधरसभोई। ववगतरोगाऽऽतंका सुरूय सुरदुंदुहित्थणिया // 1158 // सच्छंदवणविहारी ते पुरिसा ता य होंति महिलाओ। निच्चोउयपुप्फफला ते वि य रुक्खा गुणसमिद्धा // 1159 // कोडाकोडीकालो दो चेव य होंति सागराणं तु / सुसमदूसमा एसा चउत्थअरगम्मि वक्खाया // 1160 // एत्तो परं तु वोच्छं सुसमाए किंचि एत्थ उद्देसं / जह होइ मणुय-तिरियाण कप्परुक्खाण वुड्डी उ // 1161 // जह जह वड्डति कालो तह तह वटुंति आउ-दीहादी। उवभोगो य नराणं तिरियाणं चेव रुक्खेसु // 1162 // अणिगणि 1 दीवसिहा 2 तुडियंगा३ भिंग 4 कोविण५ उदुसुहा६ चेव। आमोदा 7 य पमोदा 8 चित्तरसा 9 कप्परुक्खा 10 य // 1163 // वत्थाई अणिगणेसुं 1, दीवसिहा तह करेंति उज्जोयं 2 / तुडियंगेसु य गेज्जं 3, भिगेसु य भायणविहीओ 4 // 1164 // कोवीणे आभरणं 5, उदूसुहे भोगवनगविहीओ 6 / आमोएसु य व(म)ज्जं 7, मल्लविहीओ पमोएसु 8 // 1165 // चित्तरसेसु य इट्ठा नाणाविहसाउभोयणविहीओ 9 / पेच्छामंडवसरिसा बोधव्वा कप्परुक्खेसु(क्खा उ)१० // 1166 // 154
SR No.004465
Book TitleShastra Sandesh Mala Part 15
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2005
Total Pages348
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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