________________ // 954 // // 955 // // 956 // // 957 // // 958 // // 959 // रयणीपमाणमेत्ता उक्कोसेणं तु वीस-सोलाऊ / बहुपुत्त-नत्तुसहिया निल्लज्जा विणयपरिहीणा नटुग्गिहोमसक्कर[? य] भोइणों सूरपक्कमंसासी। अणुगंगसिंधु-पव्वयबिलवासी कूरकम्मा य होहिति य बिलवासी बावत्तरि ते बिला उ वेयड्डे / उभतो तडे नदीणं नव नव एक्कक्कए कूले सेसं तु बीयमेत्तं होही सव्वेसु जीवजातीसु। / कुणिमाहारा सव्वे नीसाए संझकालस्स रहपहमेत्तं तु जलं होही बहुमच्छ-कच्छभाइण्णं / तम्मि समए नदीणं गंगादीणं दसण्हं पि अहमा य सूरभीरू निसाचरा बिलगया य दिवसम्मि। गंगा-सिंधुनदीणं कार्हिति ततो थले मच्छा . गंगा सिंधू य नदी वेयड्डगिरी य भरहवासम्मि। एयाइं नवरि तिन्नि वि होहिंति, न होहिती सेसं . इगवीससहस्साई भणिया अतिदूसमा उ वीरेणं / रायगिहे गुणसिलए गोयममादीण सीसाणं ओसप्पिणी उ एसा कोडाकोडीओ होइ दस चेव। . अयरोवमाण निययं अरगा छ च्चेव वक्खाया एत्तो परं तु वोच्छं ओसप्पिणीए उ किंचि उद्देसं / . इगवीससहस्साई अइदूसम होइ वासाणं : दससु वि वासेसेसा काहिति दुक्खाई मणुय-तिरियाणं / होही असुरा भूमी: मुम्मुरइंगालसमवण्णा सी-उण्हं बिलवासी गमेंति कहकहवि दुक्खसंतत्ता / वसणविहूणा मणुया, इत्थीओ विगयचेलाओ . 137 // 960 // // 961 // // 962 // // 963 // // 964 // // 965 //