________________ // 707 // कोती कयसज्झातो समणो समणगुणनिउणचिंचइओ। पुच्छइ गणिं सुविहियं अइसयनाणी महासत्तं .. // 702 / / 'भगवं! कह पुव्वातो(? इं) नट्ठाई उवरिमाइं चत्तारि? / एयं जहोवदिटुं इच्छह सब्भावतो कहिउं' .. // 703 / / "जह पाडलस्स गुणपायडस्स ति(?वि) परंपरांगओ गंधो। . संसग्गीसंकंतो अहिययरं पायडो होइ.. . // 704 // एवं सुयधरपडिपुच्छतो नरो परममंदमेहावी। थोव [? प] डिपुच्छतो पुण जसपायडगंधतो होइ // 705 / / विण्णाणं जिणवयणं वयाणि न वि दिज्जए अधनस्स / धण्णस्स दिज्जइ पुणो सद्दहमाणस्स भावेणं . // 706 // अम्हं आयरियाणं सुतीए कण्णाहडं च सोउं जे। तित्थोगाली एयं एगमणा मे निसामेह" तिण्णि य वासा मासट्ठ अद्ध बावत्तरिं च सेसाई / सेसाए चउत्थीए तो जातो वड्डमाणरिसी // 708 // अट्ठ य सऽद्धा मासा तिण्णेव हवंति तह य वासाइं। सेसाए चउत्थीए तो कालगतो महावीरो // 709 // तम्मि गए गयरागे वोच्छिनपुणब्भवे जिणवरिंदे / तित्थोगालिसमासं एगमणा मे निसामेह // 710 // नाणुत्तमस्स धम्मुत्तमस्स धम्मियजणोवदेसस्स / आसि सुधम्मो सीसो वायरधम्मो य (? प)उरधम्मो // 711 // तस्स वि य जंबुणामो जंबूणयरासितवियसमवण्णो। . तस्स वि पभवो सीसो, तस्स वि सेज्जंभवो सीसो. // 712 // सेज्जंभवस्स सीसो जसभद्दो नाम आसि गुणरासी। . सुंदरकुलप्पसूतो संभूतो नाम तस्सावि . // 713 // 116