________________ उप्पण्णरयणविहवा कोडिसिलाए बलं तुलेऊण / अड्डभरहाहिसेयं अह अयल-तिविगुणो पत्ता // 582 // चक्कं सुदरिसणं से, संखो वि य पंचयण्णनामो ति। नंदयनामो य असी रिवुसोणियसुंडतो आसि // 583 // माला य वेजयंती विचित्तरयणोवसोहिया रम्मा। सारिक्खा जा धणियं घणसमए इंदचावस्स // 584 // सत्तुजणस्स भयकर चावं दरियारिजीवउब्बाधं / जीवानिग्घोसेणं सहसाहस्सी पडइ जस्स // 585 // कोत्थुभमणी य दिव्वो वच्छत्थलभूसणो तिविट्ठस्स। . लच्छीए परिग्गहिओ रयणुत्तमसारसंगहिओ // 586 // अमरपरिग्गहियाई सत्त वि रयणाई अह तिविट्ठस्स। अमरेसु भूसणेसु य एयाई अजियपुव्वाइं ... // 587 // वहइ हली वि हलं जो पण्णयजिब्भं व तिक्खवइरिचमुं। परसुं समरमहाभडविढत्तकित्तीण जीवहरं // 588 // सोणंदं चाणिदिय आसंघियसत्तुमुक्कसत्थदलं / मुसलं सोभमहापुरभंजणकुसलं वइरसारं // 589 // सव्वोउयं च मालं कुसुमासवलोलछप्पयविओलं / मणिकुंडलं च वामं कुबेरघरसारआराम ... // 590 // अचलस्स वि अमरपरिग्गहाई एयाइं पवररयणाई। सत्तूणं अजियाई समरगुणपहाणगेयाई // 591 // बद्धमउडाण निच्चं रज्जधुरुव्वहणधोरवसभाणं। . भोयनरिंदाभाणं सोलस रातीसहस्साई // 592 // बायालीसं लक्खा हयाण रह-गयवराण पडिपुण्णा / अट्ठ य देवसहस्सा अभिओगा सव्वकज्जेसु. // 593 // 106,