SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 112
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ // 546 // // 547 // // 548 // // 549 // // 550 // // 551 // मुणिसुव्वओ य भरहे, एरवयम्मि य धरो जिणवरिंदो। सवणेण दस जिजिंदा सिद्धिगया पुव्वरत्तम्मि भरहे अरिटुनेमी, एरवए अग्गिसेणजिणचंदो / दस वि जिणा चित्ताहि सिद्धिगया पुव्वरत्तम्मि पासो य भरहवासे, एरवए अग्गिदत्तजिणचंदो / दस वि विसाहाजोगे सिद्धिगया पुव्वरत्तम्मि एवमसीति जिजिंदा अट्ठमयट्ठाणनिट्ठवियकम्मा। दससु वि खेत्तेसेए सिद्धिगया पुव्वरत्तम्मि धम्मो य भरहवासे, उवसंतजिणो य एरवयवासे / दस वि जिणा पुस्सेणं सिद्धिगया अवररत्तम्मि अरजिणवरो य भरहे, अइपासजिणो य एरवयवासे। रेवइजोगे दस वी सिद्धिगया अवररत्तम्मि . नमिजिणचंदो भरहे, एरवए सामकोट्ठजिणचंदो। अस्सिणिजोगे दस वी सिद्धिगया अवररत्तम्मि भरहे य वड्डमाणो, एरवए वारिसेणजिणचंदो। दस वि य सातीजोगे सिद्धिगया अवररत्तम्मि एते चत्तालीसं दससु वि वासेसु झीणसंसारा। सव्वे ते केवलिणो सिद्धिगया अवरत्तम्मि उसभो य भरहवासे, बालचंदाणणो य एरवए। . दस वि निसंज्जोवराया दससु वि खेत्तेसु सिद्धिगया भरहे अरिटुनेमी, एरवए अग्गिसेणजिणचंदो। दस वि निसज्जोवगया दससु वि खेत्तेसु सिद्धिगया भरहे य वड्डमाणो, एरवए वारिसेणजिणचंदो। दस वि निसज्जोवगया दससु वि खेत्तेसु सिद्धिगया // 552 // // 553 // // 554 // // 555 // // 556 // // 557 // ... . 103
SR No.004465
Book TitleShastra Sandesh Mala Part 15
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2005
Total Pages348
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy