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________________ // 522 // // 523 // // 524 // // 525 // // 526 // // 527 // जाव य उसभजिणिदो जा चेव य वड्डमाणजिणचंदो। अह सागरोवमाणं कोडाकोडी भवे कालो बायालीससहस्सेहिं णिय वच्छराण जाणाहि। एक कोडाकोडिं उदहिसमाणाण माणाणं पुरिम-चरिमेसु अट्ठसु अव्वोच्छिन्नं जिणेसु तित्थं ति / मज्झिमएसु य सत्तसु वोच्छेओ एत्तियं कालं चउभाग चउब्भागा तिण्णि चउब्भाग पलियमेगं च।। तिण्णेव चउब्भागा चउत्थभागो चउब्भागो एवं तु मए भणिया जिणंतरा जिणवरिंदचंदाणं / एत्तो परं तु वोच्छं सिद्धिगया जाए वेलाए उसभो य भरहवासे, बालचंदाणणो य एवए / दस वि य उत्तरसाढाहिं पूव्वसूरम्मि सिद्धिगया अजिओ य भरहवासे, एरवयम्मि सुचंदजिणचंदो / रोहिणिजोगे दस वि य सिद्धिगया पुव्वसूरम्मि अभिणंदणो य भरहे, एरवए नंदिसेणजिणचंदो। . दस वि पुणव्वसुजोगे सिद्धिगया पुव्वसूरम्मि सुमती य भरहवासे, इसिदिण्णजिणो य एरवयवासे / दस वि जिणा उ मघाहिं सिद्धिगया पुव्वसूरम्मि भरहे य सुपासजिणो, एरवए सामचंदजिणचंदो। / दस वि विसाहाजोगे सिद्धिगया पुव्वसूरम्मि चंदप्पभो य भरहे, एवए दीहसेणजिणचंदो। दस वि अणुराहजोगे सिद्धिगया पुव्वसूरम्मि भरहे य सीयलजिणो, एरवए सव्वई जिणवरिंदो। दस वि दगदेवयाए सिद्धिगया पुव्वसूरम्मि 101 // 528 // // 529 // // 530 // // 531 // // 532 // // 533 //
SR No.004465
Book TitleShastra Sandesh Mala Part 15
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2005
Total Pages348
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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