________________ सुद्धो 15 बहुलो 16 सुद्धा य तिन्नि 17-19 / बहुलो 20 य सुद्ध 21 बहुलदुगं 22-23 / सुद्धो 24 य पक्ख एते, एत्तो दिवसे पवक्खामि .. // 415 // एक्कारसि 1 एक्कारसि 2 पंचमि 3 चाउद्दसी 4 य.एक्करसी 5 / पुण्णिम 6 छट्ठी 7 पंचमि 8 [पंचमि 9] तह सत्तमी 10 नवमी 11 बारसि 12 सत्तमि 13 अट्ठमि 14 एक्कारसि 15 सत्तमी ततियवारा 16-18 / एक्कारसी 19 य अट्ठमि 20 एक्कारसि 21 तह यऽवामासा 22 // 417 // तत्तो चउत्थि 23 दसमी 24 कमेण नाणुप्पया [? दिणा] एते। वेलाए काए नाणं कस्सुप्पन्नं ? इमं सुणसु // 418 // उसभजिणस्स य सेज्जंस वासुपुज्जस्स मल्लि-पासाणं / पुव्वण्हे नाणुपया, सेसाणं पच्छिमदिणम्मि // 419 // जे चेव जम्मरिक्खा नाणुप्पत्तीए होंति ते चेव / भणिया रिक्खा, एत्तो.वोच्छामि तवं समासेणं // 420 // उसभस्स अट्ठमेणं, चउत्थभत्तेण वासुपुज्जस्स / केवलनाणुप्पत्ती सेसाणं छट्ठभत्तेणं // 421 // उप्पण्णम्मि अणंते, नट्ठम्मि य छाउमथिए नाणे / तो देव-दाणविंदा करेंति पूयं जिणिंदाणं // 422 // भवणवइ वाणमंतर जोइसवासी विमाणवासी य / सव्विड्ढीए सपरिसा कासी नाणुप्पयामहिमं // 423 // मणि-कणग-रयणचित्तं भूमीभागं समंतओ सुरभि / आजोयणंतरेणं करेंति देवा विचित्तं तु // 424 // मणि-कणग-रयणचित्ते समंतओ तोरणे विउव्विंति / सच्छत्त-सालि(ल)भंजिय-मयरद्धयचिंधसंठाणे // 425 // 92