________________ जो आसि मज्ज जणओ मुणिचंदमुणीसरो विबुहपणओ। सो निग्घिणेण विहिणा सग्गंगणमंडणो विहिओ // 43 // ते अमयजलहिउग्गारसन्निहा कत्थ कोमलालावा? / सुवसन्ननयणअवलोयणाई ही ताई पुण कत्थ ! - // 44 // इय तुज्झ विरहहुयवहजालावलिकवलिया रुयइ कलुणं / निस्संकं लीलाइयमणुसरइ सरस्सई देवी // 45 // हा ! चरणलच्छीवच्छे संपइ वेहव्वदुक्खमणुपत्ता / जइधम्मपुत्त ! मज्झ वि संजाओ सामिणा विरहो . // 46 // ही जिणवयणपहावणकन्ने ! कन्नाण दुस्सहं रुयसि / अनिययविहारचरिए ! हुहु त्ति दूहवसि रोयंति // 47 // इय निययकुडुंबयमाणुसाइं पत्तेयमुल्लविय दीणं / विलवइ चरित्तराओ ओ ! विरहे तुज्झ मुणिनाह ! // 48 // को मज्झ संपयं सामिसाल ! दाही सिरम्मि करकमलं? / अरुणपहाजणियं सममयं व लच्छीनिवासगिहं. // 49 // कुवलयदलमालामणहराए अमयप्पवाहमहुराए / नेहभरमंथराए दिट्ठीएँ पसायभरियाए // 50 // तह ताय ! पलोएही संपइ को चरणतामरसपणयं / रोमंचंचियदेहं तुह विरहे माणुस लोयं // 51 // अइदुग्गमगंथपव्वयसिहरोली मज्झ संपयं केणं / तुह वयणवज्जविरहे भिंदेयव्वा पयत्तेणं // 52 // अहवा--तुह नाम परममंतं अहोनिसं मज्झ झायमाणस्स / नाणचरणप्पहाणा उल्लसिही मंगलगुणाली // 53 // जइ आसि मज्झ तुह पायपंकए सामि ! अविरला भत्ती। तव्वसउ च्चिय जम्मंतरे वि तं होज्ज मज्झ गुरू 298 // 54 //