________________ 19. बन्धस्वामित्वाख्यः तृतीयः प्राचीनकर्मग्रन्थः 54 131-135 20. षडशीतिनामा चतुर्थः प्राचीनकर्मग्रन्थः 86 135-142 21. पञ्चसङ्ग्रहः 993+17.143-228 22. कर्मप्रकृतिः 475 229-268 लोकप्रकाशीय 23. समवसरणप्रकरणम् 24 269-271 24. समवसरण-स्तोत्रम् 34 271-274 25. नन्दीश्वरस्तवः 25 274-276 26. देवेन्द्र-नरकेन्द्रप्रकरणम् / 378 276-307 27. देहस्थितिस्तवः 18 308-309 28. कायस्थितिस्तोत्रम् / 24 309-311 29. क्षुल्लकभवावलिः 25 312-314 30. पुद्गलपरावर्तस्तवनम् 11 314-315 31. अंगुलसत्तरी 70 315-321 32. कालसप्ततिका 74 321-327 33. लोकनालिकाद्वात्रिंशिका 32 328-330 34. लध्वल्पबहुत्वप्रकरणम् 35. सिद्धपञ्चाशिका 50 331-335 36. सिद्धप्राभृत 119 336-346 37. सिद्धदण्डिकास्तवः 13 346-347 38. कृष्णराजीविमानविचार: 18 347-348 39. परिशिष्ठ-१ 1-8 संपूर्ण श्लोक संख्या - 4029 . . संपूर्ण पृष्ठ संख्या - 8 + 348 + 8 .