________________ भवणवणजोतिसोहम्मीसाणे होंति सत्त रयणीओ। एक्केकहाणि सेसे, दुदुगे य दुगे चउक्के य // 295 // गेविज्जेसुं दोण्णी, एक्का रयणी अणुत्तरेसुं च / भवधारणिज्ज एसा, उक्कोसा होइ णायव्वा // 296 // कप्पाओ कप्पम्मि उ, जस्स ठिई सागरोवमविसिट्ठा। . उस्सेहो तस्स हवे, एक्कारसभागपरिहीणो // 297 // कप्पादो कप्पम्मि उ, सोहम्माओ सणंकुमारादी। उक्कोसठितिविसेसो, स विसिट्ठा सागरब्भहिया // 298 // दो उदहि सत्त चोद्दस, अट्ठारस तह य चेव बावीसा / इगतीसा तेत्तीसा, तेसि विसेसो उ हेट्टवरिं // 299 // इच्छियकप्पठिदीणं, जो उ विसेसो तओ गहेऊणं / / एगं भागे काउं, एक्कारस छेय एक्कारं . // 300 // तं एगूणं सोहिय, विसेसरासिं तु तेहिँ भागेहिं / . एसा आदी सोज्झा, एक्कारसअंसमज्झाओ // 301 // सेसेण गुणं(णे) छेयं, छेयंसोवट्टणं करेऊणं / सेसेण समं गच्छं, ठावय एगादि एगहियं // 302 // तं आईसंजुत्तं, हिट्ठिमरयणीओ गच्छठाणसमा / ठावेत्तु घेत्तुमेगं, एकारसभाग काउमहे // 303 // आदीसहियं सोहे, एक्कारसहित्तु (हिं तु) तत्थ जं सेसं। .. तं सेसरयणिसहियं, अहिअहियतरुस्सयं जाण // 304 // अयरोवमाइं जेसिं, दोण्णि ठिती तेसि सत्त रयणीओ। सत्तेक्कारसभागा; रयणीए हाणि तइयम्मि . // 305 // अट्ठ चउत्थे नव चेव, पंचमे हाणि दस य. छट्ठम्मि। छ च्चेव य रयणीओ, पुण्णाओ सत्तमे अयरे // 306 // 301