________________ // 456 // // 457 // // 458 // // 459 // // 460 // // 461 // तुल्य नपुंसवेएणेगिंदिय थावरायवुज्जोआ / विगलसुहुमत्तियाविय नरतिरियचिरज्जिया होंति खवियंसयम्मि पगयं जहन्नगे नियगसंतकम्मंते / खणसंजोइयसंजोयणाण चिरसम्मकालंते उव्वलमाणीण उव्वलणा एगट्टिई दुसामइगा / दिट्ठिदुगे बत्तीसे उदहिसए पालिए पच्छा अंतिमलोभजसाणं मोहं अणुवसमइत्तु खीणाणं / नेयं अहापवत्तकरणस्स चरमम्मि समयम्मि वेउव्विक्कारसगं खणबंध गते उ नरय जिट्ठट्ठिइं। उव्वट्टित्तु अबंधिय एगेंदिगए चिरुव्वलणे मणुयदुगुच्चागोए सुहुमखणबद्धगेसु सुहुमतसे / तित्थयराहारतणू अप्पद्धा बंधिया सुचिरं. चरमावलियपविट्ठा गुणसेढी जासिमत्थि न य उदओ। आवलिगासमयसमा तासिं खलु फड्डगाइं तु . संजलणतिगे चेव अहिगाणि य आलिगाए समएहिं / दुसमयहीणेहिं गुणाणि जोगट्ठाणाणि कसिणाणि वेएसु फड्गदुगं अहिगा पुंरिसस्स बे उ आवलिया / दुसमयहीणा गुणिया जोगट्ठाणेहिं कसिणेहिं सव्वजहन्नाढत्तं खंधुत्तरओ निरंतरं उप्पिं / . . एगं उव्वलमापी लोभजसा नोकसायाणं ठिइखंडगविच्छेया खीणकसायस्स सेसकालसमा / एगहिया घाईणं निद्दापयलाण हिच्चेकं सेलेसिसंतिगाणं उदयवईणं तु तेण कालेणं / तुल्ला णेगहियाई सेसाणं एगऊणाई 200 // 462 // // 463 // // 464 // // 465 // // 466 // // 467 //