________________ // 180 // // 181 // // 182 // // 183 // // 184 // // 185 // पज्जत्तबायराणिल सट्ठाणे लोगऽसंखभागेसु / उववायसमुग्घाएण सव्वलोगम्मि होज्ज ण्हु . सट्ठाणसमुग्घाएणुववाएणं च जे जहिं भावा / संपइ काले खेत्तं तु फासणा होइ समईए लोए धम्माऽधम्मा लोयालोए य होइ आगासं / कालो मणुस्सलोए उ पोग्गला सव्वलोयम्मि आगासं च अणंतं तस्स य बहुमज्झदेसभागम्मि / सुपइट्ठियसंठाणो लोगो कहिओ जिणवरेहिं हेट्ठा मज्झे उवरिं वेत्तासणझल्लरीमुंइंगनिभो / मज्झिमवित्थाराहियचोद्दसगुणमायओ लोओ मज्झे य मज्झलोयस्स जंबूदीवी य वट्टसंठाणो / जोयणसयसाहस्सो वित्थिण्णो मेरुनाभीओ तं पुण लवणो दुगुणेण वित्थडो सव्वओ परिक्खिवइ / तं पुण धायइसंडो तदुगुणो तं च कालोओ तं पुण पुक्खरदीवो तम्मज्झे माणुसोत्तरो सेलो / एतावं नरलोओ बाहिं तिरिया य देवा य एवं दीवसमुद्दा दुगुणदुगुणवित्थरा असंखेज्जा / एवं तु तिरियलोगो सयंभुरमणोदहिं जाव तिरियं लोगायाम-पमाणं हेट्ठा उ सव्वपुढवीणं / आगासंतरियाओ वित्थिनयरा उ हेट्टेट्ठा उड्डे पएसवुड्डी निद्दिट्ठा जाव बंभलोगो त्ति / अधुट्ठा खलु रज्जू तेण परं होइ परिहाणी . ईसाणम्मि दिवड्ढा अड्ढाइज्जा य रज्जु माहिदे। . पंचेव सहस्सारे छ अच्चुए सत्त लोगंते // 186 // // 187 // // 188 // // 189 // // 190 // // 191 // 16