________________ // 920 // // 921 // // 922 // // 923 // // 924 // // 925 // तिरिउदयछवीसाइ संघयणविवज्जिआओ ते चेव / उदया नरतिरियाणं विउव्विगाहारगजईणं देवाणं सव्वे वि हु त एव विगलोदया असंघयणा / संघयणुज्जोव विवज्जियाउ ते नारएसु पुणो तसबायरपज्जत्तं सुभगाएज्जं पणिदिमणुयगई / जसकित्ती तित्थयरं अजोगिजिण अट्ठगं नवगं निच्चोदयपगइजुया चरिमुदया केवलीसमुग्घाए / संठाणेसुं सव्वेसु होति दुसरा वि केवलिणो पत्तेउवघायउरालदु छय संठाणपढमसंघयणे / छूढे छसत्तवीसा पुव्वुत्ता सेसया उदया तित्थयरे इगतीसा तीसा सामण्णकेवलीणं तु / खीणसरे गुणतीसा खीणुस्सासम्मि अडवीसा साहारणाउ मिच्छे सुहुमअपज्जत्तआयवाणुदओ। . सासायणम्मि थावरएगिदियविगलजाईणं . सम्मे विउव्विछक्कस्स दुभगअणाएज्जअजसपुव्वीणं / विरयाविरए उदओ तिरिगइउज्जोयपुव्वाणं विरयापमत्तएसुं अंततिसंघयणपुव्वगाणुदओ / अप्पुव्वकरणमादिसु दुइयतइज्जाण खीणाओ नामधुवोदयसूसरखगईओरालदुव य पत्तेयं / . . उवघायतिसंठाणा उसभमजोगिम्मि पुव्युत्ता पिंडे तित्थगरूणे आहारूणे तहोभयविहूणे / पढमचउक्कं तस्स उ तेरसगखए भवे बीयं सुरदुगवेउब्वियगइदुगे य उव्वट्टिए चउत्थाओ। मणुयदुगे य नवट्ठयदुहा भवे संतयं एक्क . 221 // 926 // // 927 // // 928 // // 929 // // 930 // // 931 //