________________ // 612 // // 613 // // 614 // // 615 // // 616 // // 617 // अरइ सोगट्ठकसाय असुभधुवबन्धिअथिरतियगाणं / अस्सायस्स य चरिमे अहापवत्तस्स लहु खवगे हस्सद्धं गुण पूरिय सम्म मीसं च धरिय उक्कोसं / कालं मिच्छत्तगए चिरउव्वलगस्स चरिमम्मि संजोयणाण चउरुवसमित्तु संजोयइत्तु अप्पद्धं / छावट्ठिदुगं पालिय अहापवत्तस्स अंतम्मि हस्सं कालं बंधिय विरओ आहारमविरई गन्तुं / चिरउव्वलणे थोवा तित्थं बन्धालिगा परओ वेउव्विक्कारसगं उव्वलियं बन्धिऊण अप्पद्धं / जेट्ठितिनारयाओ उव्वट्टित्ता अबन्धित्तुं थावरगसमुव्वलणे मणुदुगउच्चाण सुहुमबद्धाणं / एमेव समुव्वलणे तेऊवाऊसुवगयस्स अणुवसमित्ता मोहं सायस्स असायअंतिमे बन्धे / पणतीसाए सुभाणं अपुव्वकरणालिगाअंते तेवढे उदहिसयं गेविज्जाणुत्तरे सऽबन्धित्ता / तिरिदुग उज्जोयाइं अहापवत्तस्स अन्तम्मि इगिविगलायवथावरचउक्कमबन्धिऊण पणसीयं / अयरसयं छट्ठीए बावीसयरं जहा पुव्वं / दुसराइतिन्निनीयासुभखगइसंघयणसंठिअपुमाणं / सम्माजोग्गाणं सोलसण्ह सरिसं थीवेएणं . समयाहिआवलीए आऊण जहनजोगबद्धाणं / उक्कोसाऊअंते नरतिरिया उरलसत्तस्स पुंसंजलणतिगाणं जहन्नजोगिस्स खवगसेढीए / सगचरिमसमयबद्धं जं छुभइ सगंतिमे समए // 618 // // 619 // // 620 // // 621 // / / 622 // // 623 // ૧લ્પ