________________ बीयकसायूणा देस अपज्जत्ता सयं नवग्गं तु / मोत्तूणमोघबन्धा, निरसुरआउं विउव्विछक्कं च // 12 // तिरिया व नरा पयडी, बंधती मिच्छमाइया पंच। अजयाइ पंच तित्थं, अपमत्तनियट्टि आहारं // 13 // कम्मत्थयबंधसमो, पमत्तमाईण होइ बन्धो उ / अप्पज्जत्ता मणुया, तिरिया व सयं नवग्गं तु // 14 // वेउव्वाहारदुर्ग, नारयसुरसुहुमविगलजाइतिगं / मोत्तुं चउरग्गसयं, देवा बंधंति ओहेणं // 15 // तित्थोणं तं मिच्छा, साणा छेवट्ठहुंडनपुमिच्छं / एगिदिथावरायवपयडी मोत्तूण छनउई // 16 // ओघुत्तं पणुवीसं, नराउजुत्तं विवज्जिडं मीसा / / बंधंति सयरिमजया, तित्थनराऊहिँ बिगसयरी . // 17 // मिच्छाइअविरयंता, देवोघं तित्थहीण बंधंति / भवणवणजोइदेवा, देवीओं चेव सव्वाओ / / 18 // सामन्नदेवभंगो, सोहम्मीसाण मिच्छमाईणं / सहसारंता इगिथावरायवोणं सणंकुमाराई / / 19 // रयणानारयसरिसा, सहसारंता सणंकुमाराई। इगिथावरायवतिरितिगुज्जोऊणं तु आणयाईया // 20 // तित्थं नपुचउ तिरितियउज्जोऊण पणवीस सनराउं / मोत्तूण मिच्छमाई, नराउतित्थेहि अजया उ // 21 // तित्थाहारं निरयसुराउं मोत्तुं विउव्विछक्कं च। . इगविगलिंदी बंधहिं, नवुत्तरं ओघ मिच्छा य // 22 // साणा बंधहिँ सोलस, निरतिगहीणा य मोत्तु छनउई। ओघेणं वीसुत्तरसयं च पंचिंदिया बंधे // 23 // ना 132