________________ // 100 // // 101 // // .102 // // 103 // // 104 // // 105 // एवं विउव्वितेयग, वेउब्वियकम्मबंधणं तह य।। वेउव्वि तेय कम्मग बंधणनामं पि एमेव आहारंगआहारग, आहारगतेयबंधणं बीयं / आहारकम्मबंधण, तिण्ह वि जोए चउत्थं तु आहारपुग्गला इह, आहारतेण जे निबद्धा उ। अन्ने य बज्झमाणा, आहारगपुग्गला जे उ तेसिं जं संबन्धं, अवरोप्परपुग्गलाणमिह कुणइ / तं जउसरिसं जाणसु, आहारगबंधणं पढमं एवाहारगतेयग, आहारगकम्मबंधणं तह य / आहारतेयकम्मगबंधणनामं पि एमेव एवं तेयगतेयग, तेयग कम्मे य बंधणं तह य / / कम्मइगं कम्मइगं, बंधण नामं पि पेनरसमं संघायनाममहुणा, संघायइ जेण तेण संघायं / ओरालियसंघायं, वेउब्विय जाव कम्मइगं ओरालाई जे देहपुग्गला होति जम्मि ठाणम्मि। ते ठंति तम्मि ठाणे, संघायण कम्मणो उदए वज्जरिसहनारायं, रिसहं नारायमद्धनारायं / कीलिय तह छेवटुं, तेसिं सरूवं इमं होइ रिसहो य होइ पट्टो, वज्जं पुण कीलिया मुणेयव्वा / उभओ मक्कडबंध, नारायं तं वियाणाहि जस्सुदएणं जीवे, संघयणं होइ वज्जरिसहं तु / . तं वज्जरिसहनामं सेसा वि हु एव संघयणा समचउरंसे नग्गोहमंडले साइवामणे खुज्जे। हुंडे वि य संठाणे, तेसिं सरूवं इमं होइ / // 106 // // 107 // // 108 // // 109 // // 110 // 120