________________ // 16 // // 17 // // 18 // // 19 // // 20 // // 21 // = दो संत नीयबंधं नीउच्चं उदइ सासणो जाव। उच्चं बंधं नीयं च वेयए जाव देसु त्ति . दो संत उच्च बंधं उदयम्मि जाव सुहंमो त्ति / दो संतमुच्चमुदयं उवसंता उ अजोगंतं उदसंत उच्चं चिय अजोगिचरमम्मि सत्तमो भंगो / भणियं गोयं संपइ भणामि मोहं समासेणं बावीस इक्कवीसा सत्तरसा तेरसेव नव पंच / चउ तिग दुगं च एगं बंधट्ठाणाणि दस मोहे मिच्छं कसाय सोलस भयं दुगंछा तिवेयमन्त्रयरं / हासरई इयरे वा छ भंग मिच्छस्स बावीसा मिच्छनपुंसगरहिया इगवीसा सासणस्स चउभंगा / अणइत्थिरहियं सतरस दो भंगा मीसअजयाण दुतियकसायविहूणा तेरस देसम्मि नव य विरयम्मि / दो दो भंगा नवरं अपमत्ताईण एगेगो जं ते हासरइदुगं बंधहि नन्नं तु. जाव अप्पुव्वो। हासरइभयदुगंछारहिया पंचव हुंति (पढमम्मि) तो पुकोहाईणं कमेण वोच्छेए सेसठाणाई। अनियट्टि पंच बंधइ न -सेस उदयं च इत्तो उ एको व दो व चउरो इत्तो इक्काहिया दसुकोसा / ओहेण, मोहणिज्जे उदयट्ठाणाणि नवं हुंति चउकोहाइ अणाई दुजुअलहासरइअरइसोगाणं / वेयतियं एएहि भंगा चउवीस तिजनामा अण विणु तिन्नि कसाया जुयलन्नयरं तिवेयमन्नयरं / . मिच्छं च सत्त उ चउ मिच्छे भंगा तिजा हुंति // 22 // // 23 // // 24 // // 25 // // 26 // // 27 //