________________ जा सायणु नवबंधी मिच्छा उवरि छबन्धि जा पुव्वो। अप्पुव्वां जा सुहुमो निद्दादुगविरहि चउबंधी . // 4 / मिच्छा जा उवसन्तं नव सन्तं उदइचारिपणगं वा। ... खवगाण वि नव सन्तं जा बायर भागुसंखिज्जो .. // 5 // उवरि खीणदुचरिमं जा छउ चउ संति चरिमिखीणस्स / उदए पुण खवगाणं चत्तारि उ दंसणावरणे चउ पणगं वा उदए खीणदुचरिमं तु जाव अन्ने उ / भणियं दंसणवरणं संपइ पभणामि वेयणियं // 7 // जाव पमुत्तु असायं सायं जोगन्त जयहिं मिच्छाई। .. अस्सायं सायं वा उदए दो सन्ति भंग चऊ // 8 // बंधविणा उ अयोगी जाव दुचरिमं दुसंति ते वुदया। . चरिमे वि ते वि उदया च उदयगयं संति भंगचऊ // 9 // आउस्सेगं बंधे एगं उदयम्मि संति दो हुँति / जा बंधो उदयेगं दो संतं बंधविरमम्मि // 10 // एवं नरतिरियाणं दु संत अटुट्ठ भंग चउगईसु / आउचए जुग्गाणं नेरइयसुराण पुण एवं // 11 // भंगचऊ पत्तेयं जं ते बंधंति आउद्गमेव / सव्वेसिमुदयसंतं एगेगं बंधपुव्विं उ // 12 // अट्ठच्छाहिगवीसा सोलस वीसं च बारस छ दोसु / दो चउसु तीसु इक्कं मिच्छाइसु आउगे भंगा // 13 // आऊ अडवीसविहं भणियं पभणामि संपई गोयं / बंधोदयसंतेहिं नीयं तिरियाण मिच्छाण / . // 14 // ते विहु तेऊ वाऊ तत्तो वा आगया पुढविमाई। जाव न उच्चा गोयं बंधहि तावेस भंगो उ // 15 // ES