________________ पुत्तो पसूओ सुहगो य तीए गब्भत्थदाढापरिजुत्ततुंडो। आपुच्छिऊणं निययं कुटुंबं विणिम्मियं तस्स चणिक्कनामं // 2 // अहेगया तस्स निकेयणम्मि समागया णाणधरा मुणिंदा। दाढासरूवं जणएण पुढे होही नरिंदो भणइ मुर्णिदो .. // 3 // णिसम्म एयं वयणं मुणिस्स चितेइ चित्ते णरयाहिरज्ज। वियक्कइत्तेति सुयस्स दाढागोणीहि घट्ठा तुरियं च तत्थ . // 4 // उणट्ठवासं तणयं सुबुद्धि विण्णाय अज्झावयसंनिहाणे। वेयंगसज्जा णिरवज्जविज्जा दक्खीकयं सव्वगुणेहिं जुटुं // 5 // अहण्णया तज्जणणी पिऊण गेहे गया दिक्खमहस्स कज्जे। तुट्ठीकया णो य दरिद्दभावा समागया दीणमणा सगेहे दीणत्तहेउं तणुओ य तीए पुच्छेइ सा भासइ आसुरूत्ता। सव्वा कला दव्वगुणे पविट्ठा धणस्स माणं न गुणाण लोए // 7 // अण्णा वि जामिउ ममं धणड्डा समागया हुज्ज पिऊण गेहे। सम्माणिआ ता बहुभत्तिपूव्वं दिण्णं ममं नो खलु पीइदाणं // 8 // सरिच्छसंबंधगुणे वि एसो अम्मापिऊहिं विहिओ पडिच्छो। दुक्खस्स हेउं सुणिऊण पुत्तो चिंतेइ चित्ते वसुदुक्खदुत्थो. // 9 // विज्जा समग्गा अहिया मए जहा तहा समज्जामि धणं जहिच्छया। अम्मापिऊणं तह पुच्छिऊण सुहे दिणे निग्गमओ चणिक्को // 10 // रूवं परिव्वायमयं विहिज्जा निरग्गलं गच्छइ सत्थदक्खो। कमेण पत्तो वरबुद्धिजुत्तो मयूरपोसाभिहगाममज्झे // 11 // पालेइ रज्जं निऊणं सुनंददायाय राया वरगुत्तणामा। मोरीयवंसोदहिसीयभाणु सब्भाणु पच्चत्थिनिसायरस्स // 12 // चंदावई तस्स निवस्स भज्जा आवण्णसत्ता समयम्मि जाया / पुण्णेदुबिंबालिहपाणदोहलो पाउब्भवित्था दूहपूरणिज्जो // 13 // 305