________________ // 12 // // 13 // // 14 // // 15 // // 16 // // 17 // रुद्दे य भवसमुद्दे अइदुल्लहमणुअजम्मलाहटुं / एए दस दिटुंता निद्दिट्ठा पूव्वसूरीहिं . एएसिं पत्तेयं भणामि उवणयजुया य दिटुंता / पुव्वुत्तसूरिपयरण-वणाओ सुमगार कुसुमव्व अत्थिं इह भरहवासे दाहिणभरहद्धमज्झखंडम्मि। णिच्चमकंपिल्लं पर-भयाहि कंपिल्लनामपुरं मइणा सीलेण धणेण भूरिणा बाढवूहमाहप्पो। सुमिणे वि जत्थ न कुणइ ? परिवारालोयणं लोओ जत्थ य जिणमंदिरोवरि घणपवणपणोल्लिया पडायाओ। रेहंति व धम्मिय-जणकित्तीओ सग्गचलियाओ तंच अणेगच्छेरय-सारं पालेइ विउलबलकलिओ। इक्खागुवंसवसहो बंभो नामेण नरनाहो अइपीवरेहिं अइदीहरेहिं कत्थ वि अपत्ततोडेहिं.। जस्स गुणेहिं व गुणेहिं दामिया सइ थिरा लच्छी सामेण य दंडेण य भेएण उवप्पयाणकरणेण / अवसरपत्तेण जसो जेण य वित्थारिओ दूरं तस्सुब्भडरिउभडकोडिघडणउब्भडियपुरिसकारस्स / बहुपणयरयणखाणी चुलणीनामा पिया आसी अभविंसु तस्स मित्ता निक्कित्तिममित्तभावसंजुत्ता / चउरो चउराणण-चउरबुद्धिकलिया महीवाला कासीनाहो कडओ१, कडेभदत्तो य गयपुराहिवइ२ / कोसलसामी दीहो३, चंपाहिवा पुप्फचूलो त्ति४ सुहरज्जकज्जचिंता-धुरंधरो तह धणू महामच्चो / तस्स य पुत्तो वरधणू धणियं कलिओ पिउगुणेहिं 25 // 18 // // 19 // // 20 // // 21 // // 22 // // 23 //