________________ आह परो जिणवंदणविहाणमारंभिऊण किं जुत्तं ? / अप्पत्थुयमाढविअं, आइन्नवियारणं एवं . // 148 // नापत्थुयमेत्थ जओ, एयं चिय अंतरंगमुवइटुं। भावविसुद्धिसरूवं, पढमं ता वंदणविहाणं // 149 // कुग्गाहदूसियमणो, समुज्जमतो वि बज्झकिच्चेसु / विहिवंदणाणुरूवं, फलं न पावेइ दुब्बुद्धी // 150 // कोटरजलंतजलणो, आसिच्चंतो वि वारिधाराहिं / विद्धि तरू न पावइ, किलिट्ठचित्तस्स तह धम्मो // 151 // तम्हा कुग्गाहविसं, वमित्तु पसमामयं च पाऊणं / मज्झत्थमणो मइमं, करेज्ज चिइवंदणं विहिणा // 152 // चिइवंदणा तिभेया, जहन्न उक्कोस मज्झिमा चेव / एक्केका वि तिभेया, जेट्ठ विजेट्ठा कणिट्ठा य // 153 // एगनमोक्कारेणं, होइ कणिट्ठा जहन्निआ एसा / जहसत्तिनमोक्कारा, जहनिया भन्नइ विजेट्ठा. // 154 // स च्चिय सक्कथयंता, नेया जिस जहनियासन्ना / स च्चिय इरिआवहिआसहिआ सक्कथयदंडेहिं // 155 // मज्झिमकणिट्ठिगेसा, मंज्झिम (वि) जेट्ठा उ होइ सा चेव / चेइयदंडयथुइएगसंगया सध्वमज्झिमया . // 156 // मज्झिमजेट्ठा स चिय, तिनि थुईओ सिलोयतियजुत्ता / उक्कोसकणिट्ठा पुण, स च्चिय सक्कत्थयाइजुया // 157 // थुइजुयलजुयलएणं, दुगुणियचेइयथयाइदंडा जा / सा उक्कोसविजेट्ठा, निद्दिट्टा पुव्वसूरीहिं // 158 // थोत्तपणिवायदंडगपणिहाणतिगेण संजुआ एसा / / संपुना विनेया, जेट्ठा उक्कोसिआ नाम // 159 // . . . . . . 5