________________ पोत्तिचियवंदमालोयणं च पक्खियगसुत्तसुत्तं च / वंदण पत्तेयं खामण च वंदणय सामइयं // 139 // मूलोत्तरगुणसोही उस्सग्गुज्जोअ पुत्ति वंदणयं / . पज्जंतखामणाणि य पुणो वि पडिक्कमइ देवसियं // 140 // पक्खे बारस चउमासिएसु वीसं तहा वरिसियम्मि / उस्सग्गे चालीसा सनमुक्कारा य उज्जोया // 141 // . पहरम्मि अइक्कते गुरुमुणिवीसामणाइकिच्चेहिं / पोत्तिं पेहिय राइयसंथारं संदिसावेइ , // 142 // अणुजाणह संथारं निसिही नमो खमासमणगाण इय भणिउं / . विहिकयसंथारट्ठिय चेइय वंदित्तु सरइ जिणे // 143 // नंदीसर अट्ठावय सित्तुंजय उज्जयंत सम्मेयं / पमुहाई तित्थाई वंदेऽहं परमभत्तीए / // 144 // उसभं चंदाणण वारिसेण सिरिवद्धमाण तित्थयरं / सीमंधर जुगमंधर बाहु सुबाहुं च वंदामि // 145 // पुंडरियं बाहुबलिं भरहं सगरं सणंकुमारमुणिं / विण्हुं गयसुकुमालं पसन्नमेअज्जसालिमुणि // 146 // धनं दसनभदं चिलाइपुत्तं उदायणं जंबुं / सुदरिसणं थूलिभदं अवंतिवइराइ मुणिचंदे // 147 // जं अइयभवनिबद्धं अहिगरणं जेण जाव न हु कज्जं / तमिह मए वोसिरियं देहपमायम्मि पुण सव्वं // 148 // जो मे धम्मविरुद्धो जाओ मणवयणकायवावारो। . मिच्छामिदुक्कडं तस्स पुणरवि मा हुज्ज पावमई // 149 // सव्वे अम्ह पसत्था सउणा सुअणा गहाइ नक्खत्ता / / / तिहुअण मंगलहिययं हियएण जिणं वहताणं / // 150 // 30