________________ // 54 // // 55 // // 56 // // 57 // // 58 // असणं पाणं इच्चाइणा उ आहारभेयनिद्देसं / वयभंगदोसवज्जणहेउं चाऽऽगारदुगमाह आभोगो उवओगो तस्साभावे भवे अणाभोगो / अच्चंतं विम्हरणं पच्चक्खाणस्स जं भणियं अन्नत्थ अणाभोगा णाभोगं मोत्तु चयइ आहारं / पंचम्मत्थे तइया सहसाकारे वि एमेव सो पुण इह विनेओ पवत्तजोगानियत्तणसरूवो / जम्मी सुमरंतस्स वि झत्ति मुहे कि पि पविसेज्जा. एवमणाभोगेणं भुंजंतस्स वि हवेज्ज मा भंगो। . सहसाकारेणं वा मुहं पविढे वि आहारे तो आगारा भणिया अववाया कारणाणि छिड्डीओ / इय बहुविहपज्जाया दो चेव य एत्थ सुत्तम्मि एत्तो असणाईयं वोच्छामि चउव्विहं पि आहारं / सुत्ताणुसारओ खलु तस्स विवक्खं चऽणाहारं आहारजाइओ एस एत्थ एकोऽवि दंसिओ चउहा / असणाइजाइभेया सुहावबोहाइजणणत्थं नाणं सद्दहणं गहणपालणा विरइवुड्डि चेवंति / होइ इहरा उ मोहा विवज्जओ भणियभावाणं असणं ओयणसत्तुगमुग्गजगाराइ खज्जगविही य / खीराइ सूरणाई मंडगपभिई य विनेयं (इत्यशनम्) पाणं सोवीरजवोदगाइ चित्तं सुराइयं चेव / . आउक्काओ सव्वो संगरकइराइनीरं च खज्जूरदक्खदाडिमचिंचापाणाइ तक्कमिक्खुरसो / गुडखंडाईनीरं आयामुस्सेयमाई य 286 // 60 // // 61 // // 62 // // 63 // // 64 // // 65 //