________________ अरहंत सिद्ध चेइय सुए य धम्मे य साहुवग्गे य / आयरिय उवज्झाए, पवयणे दंसणे विणओ . // 17 // अरिहंता विहरता, सिद्धा कम्मक्खया सिवं पत्ता / .. पडिमाओ चेइयाइं सुयंति सामाइयाईयं ... // 18 // धम्मो चरित्तधम्मो, आहारो तस्स साहुवग्ग त्ति / आयरियउवज्झाया, विसेसगुणसंगया तत्थ / : // 19 // पवयणमसेससंघो, दंसणमिच्छंति इत्थ सम्मत्तं / विणओ दसण्हमेसि, कायव्वो होइ एवं तु . // 20 // भत्ती बहुमाणो वनजणण नासणमवण्णवायस्स / आसायणपरिहारो, विणओ संखेवओ एसो . // 21 // भत्ती बहिपडिवत्ती, बहुमाणो मणसि निब्भरा पीई / वण्णजणणं तु तेसिं, अइसयगुणकित्तणाईहिं . // 22 // उड्डाहगोवणाई, भणियं नासणमवण्णवायस्स / आसायणपरिहरणं, उचियासणसेवणाइयं // 23 // दसभेयविणयमेयं, कुणमाणो माणवो निहयमाणो / सद्दहइ विणयमूलं, धम्मति विसोहए सम्मं / // 24 // मणवायाकायाणं सुद्धी संमत्तसोहिणी तत्थ / मणसुद्धी जिणजिणमयवज्जमसारं मुणइ लोयं // 25 // तित्थंकरचलणाराहणेण जं मज्झ सिज्झइ न कज्जं / / पत्थेमि तत्थ नन्नं देवविसेसेहिं वयसुद्धी // 26 // छिज्जंतो भिज्जतो पीलिज्जतो य डज्झमाणो वि। . जिणवज्जदेवयाणं, न नमइ जो तस्स तणुसुद्धी // 27 // दूसिज्जइ जेहि इमं, ते दोसा पंच वज्जणिज्जा उ। संका कंख विगिच्छा परतित्थिपसंससंथवणं / // 28 // 204