________________ // 80 // // 81 // // 82 // // 83 // // 84 // // 85 // मग्गो आगमनीई अहवा संविग्गबहुजणाइन्नं / उभयाणुसारिणी जा सा मग्गणुसारिणी किरिया अन्नह भणियं पि सुए किंची कालाइकारणावेक्खं / आइन्नमन्त्रह च्चिय दीसइ संविग्गगीएहिं कप्पाणं पाउरणं अग्गोयरचाय झोलियाभिक्खा / ओवगहियकडाहयतुंबयमुहदाणदोराई सिक्किगनिक्खवणाई पज्जोसवणाइतिहिपरावत्तो / भोयणविहिअन्नत्तं एमाई विविहमनं पि जं सव्वहा न सुत्ते पडिसिद्ध नेय जीववहहेऊ / तं सव्वं पि पमाणं चारित्तधणाण भणियं च अवलंबिऊण कज्जं जं कि पि समायरंति गीयत्था / थेवावराह बहुगुण सव्वेसिं तं पमाणं तु जं पुण पमायरूवं गुरुलाघवचितविरहियं सवहं / सुहसीलसढाइन्नं चरित्तिणो तं न सेवंति . जह सड्ढेसु ममत्तं राढाए असुद्धउवहिभत्ताई / निद्देज्जवसहितूलीमसूरिंगाईण परिभोगो इच्चाई असमंजसमणेगहा खुद्दचिट्ठियं लोए / बहुएहि वि आयरियं न पमाणं सुद्धचरणाणं गीयत्थपारतंता इय दुविहं मग्गमणुस्सरंतस्स / भावजइत्तं जुतं दुप्पसहंतं जओ चरणं सद्धा तिव्वभिलासो. धम्मे पवरत्तणं इमं तीसे / विहिसेव अतित्ती सुद्धदेसणा खलियपरिसुद्धी विहिसारं चिय सेवइ सद्धालू सत्तिमं अणुट्ठाणं / दव्वाइदोसनिहओ वि पक्खवायं वहइ तम्मि // 86 // // 87 // = // 88 // // 89 // // 90 // // 91 // 20