________________ जंतहलमुसलआउह-अग्गिपयाणं च हिंसदाणंति। जलकेलि जीवजोहण-दोला जूयाइ वसणाई // 142 // निच्चं चियवक्खेवो, वम्महसत्थेसु सव्वनिसिसुअणं / .. विकहा वेरविवुड्डी, पमायचरियं इय चइए // 143 // पाएण वज्जियव्वो, गिहिणा जहसत्ति अत्थदंडो वि। कह अहिगयपरमत्थो, अणत्थदंडं पउंजेइ // 144 // वडता वेरमणत्थ-दंडिणो भरियदुरियभंडारा / जाया सुभूमरामा, पइट्ठिया अप्पइठाणे // 145 // अह चत्तारि सिक्खा-वयाणि वुच्छामि जाई सड्डेण / . विज्ज व्व सिक्खगेण, पुणो पुणो अब्भसिज्जंति // 146 // सामाइयमिह पढम, सावज्जे जत्थ वज्जिउं जोगे। समणाणं होइ समो, देसेण देसविरओ वि // 147 // जइपासे जिणभवणे, घरे व जत्थ य निराउलो होइ / पंचसमिओ तिगुत्तो, करेइ सामाइयं तत्थ // 148 // आगमअत्थं पुच्छइ, दिटुंते भावए सुपुरिसाणं / कयसामाइओ वज्जइ, विगहानिदाइए दोसे / 149 // तसथावरजीवेसु, गिही सया तत्तलोहगोलो व्व। मित्तो मुहुत्तमित्तं, सामाइय ट्ठिओ भवे तेसु // 150 // सामाइय वयधारी, सरीरभंगे वि सुद्धपरिणामो। चंदावयंसनिवई, देवत्तं झत्ति संपत्तो // 151 // पुव्वं गहिअस्स दिसा-वयस्स सव्ववयाण वाणुदिणं / . जो संखेवो देसा-वगासियं तं वयं बिइयं // 152 // एगमुहत्तं दिवस, राइं पंचाहमेव पक्खं वा। विरइफलं जाणंतो, संखेवइ सव्ववयनियमे // 153 // 40