________________ पाणिवहस्स य विरई अलिअस्स विवज्जणं अदिन्नस्स / बंभव्वयस्स धरणं, कायव्वं पव्वदियहेसु // 257 // परिग्गहपरिमाणं चिय, निसिभत्तविवज्जणं च कायव्वं / दिसिवयपरिमाणं तह, तहेव भोगस्स परिमाणं // 258 // कम्मओ य वज्जिज्जा, खरकम्माईणि पावजणगाणि / इंगालाईणि तहा, भोयणओ वक्खमाणाणि // 259 // मज्जं महुं नवनीयं, जावज्जीवं तु वज्जणिज्जाणि / सेसेसु वि परिमाणं, कायव्वं विविहदव्वेसु // 260 // अच्चित्तं दन्तवणं, मेयफ्लाणं च तोलियाणं च / गणिमफलाणं च तहा, उच्छुलट्ठीणं पत्ताणं // 261 // अब्भंगे उव्वलणे खलि-प्पमाणं च होइ कायव्वं / आहरणविलेवणगंधमल्लवत्थासणाणं च // 262 // विगईणं परिमाणं, दव्वाणं तह सचित्तइयराणं / सयणीयजाणवाहण, एवमाई विभासा उ. // 263 // एवं उवभोगवयं, संखेवेणं तु साहियं तुम्ह / ता कुणह इत्थ माणं, जइ इच्छह सासयं ठाणं // 264 // इत्थिकहा भत्तकहा, देसकहा रायजणवइकहा य / नडनट्टमल्लमुट्ठिय, संगामाइ न वत्तव्वा // 265 // आउहअग्गिदाणं, विसदाणं संजुयाहिगरणं च / / खिसाणि कसह गोणे, दमह एमाइ उवएसं // 266 // अन्नं चिय सावज्जं, पढमं सड्डेण नेव कायव्वं / जंटूण पयट्टइ, आरंभे सयललोओ वि // 267 // सव्वत्थ वि जयणाए पयट्टियव्वं तु दुक्खभीएहि / गिहिवासे वि वसंता जयणाजुत्ता दिवं जंति // 268 // 219