________________ जावंतियमुद्देसं, पासंडीण भवे समुद्देसं / समणाणं आएसं, निग्गंथाणं समाएसं . .. // 30 // संखडिभुत्तुवरियं, चउण्हमुद्दिसइ जं तमुद्दिटुं। ... वंजणमीसाइकडं, तमग्गितवियाइ पुण कम्मं // 31 // उग्गमकोडिकणेण वि, असुइलवेणं व जुत्तमसणाई / सुद्धं पि होइ पूई, तं सुहुम बायरं ति दुहा सुहुमं कम्मियगंधग्गि-धूमबप्फेहिं तं पुण न दुटुं / दुविहं बायरमुवगरण-भत्तपाणेहि तहिं पढमं // 33 // कम्मियचूल्लियभायणडोवठियं पूइ कप्पइ. पूढो तं / .. बीयं कम्मियवग्घारहिंगुलोणाइ जत्थ छुहे // 34 // कम्मियवेसणधूमियमहवकयं कम्मखरडिए भाणे / आहारपूइय तं कम्मलित्तहत्थाइछिक्कं च // 35 // पढमे दिणम्मि कम्मं तिन्निउ पूइ कयकम्मपायघरं / पूइ तिलेवं पिढरं कप्पइ पायं कयतिकप्पं // 36 // जं पढमं जावंतिय पासंडजईण अप्पणो य कए / आरभइ तं तिमीसंति मीसजायं भवे तिविहं // 37 // सट्ठाणपरवाणे परंपराणंतरं चिरित्तरियं / दुविहतिविहा वि ठवणाऽसणाइ जं ठवइ साहुकए चुल्लुक्खाइ सट्ठाणं, खीराइ परंपरं घयाइयरं / दव्वठिइ जाव चिरं, अचिरं तिघरंतरं कप्पं बायरसुहुमुस्सक्कणमोसक्कणमिह दुहेह पाहुडिया / परओकरणुस्सक्कणमोसक्कणमारओ करणं // 40 // पाउयरणं दुविहं पायडकरणं पयासकरणं च। सतिमिरघरे पयडणं समणट्ठा जमसणाईणं . // 41 // 12